Sanatana Dharma Row: ‘बीजेपी ने पूरे देश में चर्चा का विषय बना दिया’, सनातन धर्म पर विवादित टिप्पणी मामले पर बोले उदयनिधि स्टालिन
Udhayanidhi Stalin On Sanatan Dharma Row: तमिलनाडु सरकार में खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म पर विवादित टिप्पणी को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है.
Udhayanidhi Stalin On Sanatanam: डीएमके नेता और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म पर एक बार फिर प्रतिक्रिया देते हुए दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने उनकी टिप्पणी को घुमाया, बढ़ाया और पूरे देश में इसे चर्चा का विषय बना दिया.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक रविवार (03 दिसंबर) को करूर जिले में डीएमके यूथ विंग के सचिव उदयनिधि ने पार्टी के यूथ कैडर की बैठक में हिस्सा लिया जहां उन्होंने सनातन धर्म विवाद पर एक बार फिर प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान मेरे भाषण का जिक्र किया. उन्होंने मुझ पर ऐसी बातें कहने का आरोप लगाया जो मैंने कही ही नहीं थीं.” उन्होंने सफाई देते हुए कहा, “मैंने सिर्फ नरसंहार (सनातन धर्म का पालन करने वालों का) करने का आह्वाहन किया था.”
‘मेरी टिप्पणी को तोड़-मरोड़ कर पेश किया’
डीएमके नेता ने आगे कहा, “मैंने एक कॉन्प्रेंस में हिस्सा लिया था और वहां सिर्फ तीन मिनट ही बोला. मैंने केवल इतना ही कहा था कि सभी के साथ समान व्यवहार करना चाहिए, उनके साथ भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए और भेदभाव के किसी भी प्रयास को खत्म करना चाहिए. लेकिन उन्होंने (बीजेपी) मेरी टिप्पणी को तोड़-मरोड़ के पेश किया, बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया और पूरे देश में इस पर बात करने के लिए मजबूर कर दिया.”
खेल और युवा मामलों के राज्य मंत्री ने कहा, “कुछ संतों ने मेरे सिर पर 5-10 करोड़ के इनाम की घोषणा की. मामला फिलहाल अदालत में है और मुझे कानून पर पूरा भरोसा है. मुझसे अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगने को कहा गया लेकिन मैंने कहा कि मैं माफी नहीं मांग सकता." मैंने कहा कि मैं स्टालिन का बेटा, कलैग्नार का पोता हूं और मैं केवल उनके द्वारा समर्थित विचारधारा को व्यक्त कर रहा था.”
क्या है मामला?
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे, उदयनिधि ने यह कहकर एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय की अवधारणा के साथ असंगत है और इसे 'खत्म' कर दिया जाना चाहिए. उन्होंने सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया से की. उदयनिधि ने चेन्नई में एक कार्यक्रम में कहा, "सनातन मलेरिया और डेंगू की तरह है और इसलिए इसका विरोध करने के बजाय इसे खत्म किया जाना चाहिए."
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