Sanatana Row: 'मैं माफी नहीं मागूंगा', सनातन विवाद पर फिर बोले डिप्टी सीएम उदयनिधि स्टालिन
Udayanadhi Stalin On Sanatana Row: डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन ने ये साफ कह दिया है कि सनातन धर्म को खत्म करने की अपनी अपील के लिए वह माफी नहीं मांगने वाले हैं.
Udayanadhi Stalin On Sanatana Row: तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री और डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन ने एक बार फिर यह स्पष्ट किया है कि वह सनातन धर्म को खत्म करने की अपनी अपील के लिए माफी नहीं मांगेंगे. सफाई देते हुए उदयानिधि स्टालिन बोले कि उनकी टिप्पणीयों का मकसद महिलाओं के प्रति हो रही कथित दमनकारी प्रथाओं के बारे में बताना था. उन्होंने कहा कि उनके शब्दों का गलत मतलब निकाला जा रहा है.
बीते रोज सोमवार को एक कार्यक्रम में बोलते हुए उदयनिधि ने कहा कि वह पेरियार, पूर्व मुख्यमंत्री सीएन अन्नादुरई और एम करुणानिधि जैसे द्रविड़ नेताओं के विचारों से सहमत हैं. वह बोले कि उनके शब्दों की व्याख्या गलत तरीके से की गई है, जिसके कारण बीते साल सितंबर 2023 में विवाद छिड़ गया था.
कलैग्नार ने जो कहा, वही दोहराता हूं- उदयनिधि स्टालिन
उदयनिधि बोले, “महिलाओं को पढ़ने की अनुमति नहीं थी. वे अपने घर से बाहर नहीं निकल पाती थीं और अगर उनके पति मर जाते तो उन्हें भी मरना पड़ता था. थान्थई पेरियार ने इन सबके खिलाफ बात की. मैं पेरियार, अन्ना और कलैग्नार ने जो कहा, वही दोहराता हूं.”
सनातन धर्म को खत्म करने की अपनी अपील के लिए
सितंबर 2023 में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया से करने के बाद एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था और कहा था कि इसका सिर्फ विरोध नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि इसे पूरी तरह से खत्म किया जाना चाहिए. 'सनातन उन्मूलन सम्मेलन' में उदयनिधि ने तर्क दिया था कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है. डीएमके नेता की इन टिप्पणियों की कड़ी आलोचना हुई और खासकर भाजपा और हिंदू संगठनों ने इसका विरोध किया, जिसके परिणामस्वरूप उनके खिलाफ कई कानूनी मामले भी दर्ज किए गए.
शब्दों का निकाला जा रहा गलत मतलब
उदयनिधि ने कहा, “मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया. सिर्फ तमिलनाडु में ही नहीं बल्कि पूरे भारत में कई अदालतों में मेरे खिलाफ मामले दर्ज किए गए. उन्होंने मुझसे माफी मांगने को कहा, लेकिन मैं अपनी कही बात पर कायम हूं. मैं कलैगनार का पोता हूं और मैं माफी नहीं मांगूंगा और सभी मामलों का भी सामना करेंगे."
हिंदी थोपने की हो रही है कोशिश
आरोप लगाते हुए उदयनिधि ने कहा कि राज्य में हिंदी थोपने की कोशिश की जा रही है. तमिलनाडु के राष्ट्रगान में हाल ही में किए गए बदलाव इसका सबूत हैं. उन्होंने बताया कि हाल ही में दूरदर्शन के तमिल कार्यक्रम के दौरान राज्य गान से कुछ शब्दों को जानबूझकर हटा दिया गया था, जिससे विवाद पैदा हो गया. वह बोले, "मैं नवविवाहितों से अनुरोध करता हूं कि वे अपने बच्चे के लिए एक सुंदर तमिल नाम रखें. क्योंकि कई लोग तमिलनाडु में हिंदी थोपने का प्रयास कर रहे हैं. वे सीधे ऐसा नहीं कर सकते. इसलिए वे तमिल थाई वाजथु (राज्य गीत) से कुछ शब्द हटा रहे हैं. वे नई शिक्षा नीति के माध्यम से हिंदी थोपने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन वे सभी विफल हो रहे हैं."
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