संदीप दीक्षित ने कहा- चमचे कभी सवाल नहीं उठाएंगे, कांग्रेस नेतृत्व में बदलाव को लेकर की ये मांग
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संदीप दीक्षित (Sandeep Dikshit) ने कहा कि गांधी परिवार ही नहीं बल्कि पार्टी के 90 फीसदी प्रभारियों को बाहर का रास्ता दिखा देना चाहिए.
पांच राज्यों की विधानसभा चुनावों में हार के बाद कांग्रेस में मंथन जारी है. इस बीच कांग्रेस G23 गुट ने गांधी परिवार के नेतृत्व के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कांग्रेस नेतृत्व को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संदीप दीक्षित ने गांधी परिवार पर करारा हमला बोलते हुए सिब्बल की बातों से सहमति जताई है. उन्होंने कहा कि दो तरह का नेतृत्व पार्टी को चलाता है, एक नेतृत्व और एक संगठन के चेहरे. गांधी परिवार के लिए अब वो समय नहीं रहा. ये तो मैं स्पष्ट करना चाहूंगा. कभी कभी कोई बड़ा लीडर आता है जो अब हमारे पास नहीं है. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि समय की मांग को अगर हमारा नेतृत्व नहीं समझेगा तो सवाल तो उठेंगे ही. चमचे भले सवाल न उठाएं लेकिन बाकी लोगों के बीच तो सवाल उठाए ही जाएंगे.
संदीप दीक्षित ने भी नेतृत्व में बदलाव की मांग
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संदीप दीक्षित ने आगे कहा कि समय की मांग को देखते हुए बदलाव को लेकर हमारे नेतृत्व को अब समझना चाहिए. उन्होंने कहा कि गांधी परिवार ही नहीं बल्कि पार्टी के 90 फीसदी प्रभारियों को बाहर का रास्ता दिखा देना चाहिए. वर्किंग कमेटी जो कहे उनका कोई महत्व नहीं. वर्किंग कमेटी तो यस मेन का ग्रुप बनकर रह गया है. पंजाब में भी जो प्रभारी यहां से गए थे उन्होंने सबकुछ बर्बाद कर दिया. बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने गांधी परिवार से नेतृत्व छोड़ने की बात कही थी.
कपिल सिब्बल ने गांधी परिवार से नेतृत्व छोड़ने के लिए कहा
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा था कि गांधी परिवार को अब कांग्रेस की लीडरशिप से हट जाना चाहिए और नेतृत्व की भूमिका के लिए और किसी और को मौका देना चाहिए. सिब्बल ने कहा कि कम से कम अब नेतृत्व को सच्चाई समझनी होगी वरना इसके और गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. हालांकि सिब्बल ने ये भी स्पष्ट किया कि वो कभी बीजेपी में शामिल नहीं होंगे. पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल का यह बयान पांच राज्यों की विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार और कांग्रेस वर्किंग कमेटी की ओर से सोनिया गांधी के नेतृत्व में अपना विश्वास दिखाने के बाद आया. G-23 नेताओं ने 2020 में सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी में बड़े बदलावों की मांग की थी.
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