Sandeep Saurav : JNU में प्रोफेसर की नौकरी छोड़ी, अब इस पार्टी ने दे दिया बिहार से टिकट, लड़ रहे हैं चुनाव
Sandeep Saurav CPIML Candidate: नालंदा में CPI ML ने 36 साल के संदीप सौरव को लोकसभा चुनाव का उम्मीदवार बनाया है. वह JNU के छात्र नेता रहे हैं और राजनीति के लिए प्रोफेसर की नौकरी छोड़ दी.
Sandeep Saurav CPIM Candidate From Nalanda: विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन में शामिल सीपीआई (एमएल) ने आरा, नालंदा और काराकाट सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है. पार्टी ने पालीगंज से विधायक संदीप सौरव को तीन बार के जेडीयू सांसद कौशलेंद्र कुमार के सामने नालंदा से मैदान में उतारा है, जबकि तरारी से विधायक सुदामा प्रसाद आरा से बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री आरके सिंह के खिलाफ मैदान में उतारा है.
वहीं पूर्व विधायक राजाराम सिंह काराकाट से एनडीए प्रत्याशी उपेन्द्र कुशवाहा के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे. इनमें से 36 वर्षीय संदीप सौरभ की उम्मीदवारी बेहद खास है. राजनीति में उनकी दिलचस्पी कुछ यूं रही है कि उन्होंने जेएनयू में हिंदी प्रोफेसर की नौकरी तक छोड़ दी थी.
जेएनयू में मिली थी सहायक प्रोफेसर की नौकरी
संदीप सौरभ की राजनीति की शुरुआत स्टूडेंट लाइफ से ही हुई है. 2013 में जेएनयू छात्र संघ के महासचिव रहे संदीप सौरव ने राजनीति के लिए 2017 में हिंदी में सहायक प्रोफेसर की नौकरी नहीं की थी. इसके पहले उन्होंने महागठबंधन के उम्मीदवार के रूप में पालीगंज से 2020 का विधानसभा चुनाव जीता था.
पटना के पास मनेर के रहने वाले सौरव ने 2009 में जेएनयू से स्नातकोत्तर और 2014 में पीएचडी की पढ़ाई पूरी की थी. सौरव 2013 तक अखिल भारतीय छात्रसंघ के दो बार राष्ट्रीय सचिव रहे थे. वह एक ओबीसी परिवार से आते हैं. उनके पिता एक सीमांत किसान थे.
उम्मीदवार बनने पर क्या बोले संदीप सौरव?
नालंदा से मैदान में उतारने के पार्टी के फैसले पर सौरव ने खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा, ‘बिहार के सीएम नीतीश कुमार की राजनीति सिद्धांतों की कमी वाली वाली है. हम इसपर सवाल करेंगे. उन्होंने कहा कि तीन बार के नालंदा सांसद ने पिछले 15 वर्षों में संसद में कोई स्थानीय मुद्दा नहीं उठाया है. हम इस बात पर चर्चा करेंगे कि कैसे महागठबंधन सरकार ने निरंतर भर्ती अभियान के साथ बेरोजगारी की समस्या को दूर करना शुरू किया. नीतीश के एनडीए में चले जाने के बाद गति खत्म हो गई. साथ ही एनडीए शासन में लोकतांत्रिक मूल्यों पर हो रहे हमलों को लेकर भी चिंता है. इन तमाम मुद्दों को उठाएंगे.