(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
संदेशखाली मामला: शाहजहां की गिरफ्तारी न होने पर हाई कोर्ट ने जताई हैरानी, कहा- 'इसका मतलब पुलिस तंत्र के पास साधन नहीं'
Sandeshkhali Case: पश्चिम बंगाल सरकार की अपील पर सुनवाई के दौरान कलकत्ता हाई कोर्ट ने कहा कि इसका मतलब यह हो सकता है कि राज्य के पुलिस तंत्र के पास उसे पकड़ने के साधन नहीं हैं.
Calcutta High Court on Sandeshkhali Case: कलकत्ता हाई कोर्ट ने मंगलवार (20 फरवरी) को पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी को संकटग्रस्त संदेशखाली गांव का दौरा करने की अनुमति दे दी, लेकिन साथ ही इस बात पर आश्चर्य जताया कि मुख्य आरोपी शाहजहां शेख को अब तक राज्य पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया है.
मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मंगलवार को एकल पीठ के आदेश में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया जिसने अधिकारी और बीजेपी के एक अन्य विधायक शंकर घोष को उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली ब्लॉक दो के पंचायती गांव संदेशखाली जाने की अनुमति दी थी.
कोलकाता से लगभग 100 किलोमीटर दूर सुंदरवन की सीमा पर नदी के किनारे स्थित संदेशखाली क्षेत्र में सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कुछ नेताओं ने महिलाओं पर कथित यौन अत्याचार और भूमि हड़पने के आरोपों पर विरोध प्रदर्शन हो रहा है.
'कोर्ट को नहीं पता कि संरक्षण प्राप्त है या नहीं'
खंडपीठ ने कहा,''यह काफी आश्चर्य की बात है कि जिस व्यक्ति को इस समस्या का मूल कारण बताया जा रहा है उसे अभी भी पकड़ा नहीं जा सका है और वह कानून तोड़कर भागा हुआ है.'' पीठ ने कहा कि अदालत को नहीं पता कि उसे संरक्षण प्राप्त है या नहीं, तथ्य यह है कि उसे पकड़ा नहीं गया है.
'राज्य के पुलिस तंत्र के पास शख्स को पकड़ने के साधन नहीं?'
एकल पीठ के आदेश को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की अपील पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि इसका मतलब यह हो सकता है कि राज्य के पुलिस तंत्र के पास उसे पकड़ने के साधन नहीं हैं या (वह) राज्य पुलिस के अधिकार क्षेत्र से बाहर है. एकल पीठ ने प्रशासन की ओर से संदेशखाली के कुछ इलाकों में धारा 144 लागू करने पर भी अगले आदेश तक रोक लगा दी थी.
मुख्य न्यायाधीश शिवगणनम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि न्यायमूर्ति अपूर्व सिन्हा रॉय की एकल पीठ ने 12 फरवरी को बंदूक की नोक पर कथित यौन उत्पीड़न और आदिवासी भूमि को जबरन छीनने के आरोपों पर स्वत: संज्ञान लिया था.
खंडपीठ ने कहा था कि अदालत इस तथ्य पर न्यायिक संज्ञान ले सकती है कि प्रवर्तन निदेशालय की ओर से 5 जनवरी को संदेशखाली में उत्तर 24 परगना जिला परिषद के प्रमुख टीएमसी नेता शाहजहां शेख के परिसर की तलाशी लेने के बाद समस्या उत्पन्न हुई. इसमें कहा गया कि राज्य पुलिस शाहजहां को गिरफ्तार नहीं कर पाई है जबकि उसके खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए हैं. उस पर आरोप है कि जब ईडी के अधिकारियों ने तलाशी अभियान चलाया तो उन पर हमला किया गया था.
कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से शिविर लगाकर संदेशखाली में ग्रामीणों की भूमि को जबरन छीनने के आरोपों पर निवारण तंत्र की स्थापना प्रथम दृष्टया यह दर्शाती है कि क्षेत्र में भूमि हड़पने का काम किया गया है.
'प्रशासन अनावश्यक रूप से पैदा कर रहा तनावपूर्ण स्थिति'
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह आरोप स्थापित होते हैं कि कानूनी औपचारिकताओं का उल्लंघन करके आदिवासी ग्रामीणों के स्वामित्व वाली भूमि को जबरन छीन लिया गया है. पीठ ने यह देखते हुए कि प्रशासन अनावश्यक रूप से तनावपूर्ण स्थिति पैदा कर रहा है. उसने कहा कि शाहजहां को पकड़ने में असमर्थ होने के बावजूद केवल दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लगाने का कोई असर नहीं पड़ेगा.
मामले में 26 फरवरी को होगी अगली सुनवाई
पीठ ने निर्देश दिया कि राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले महाधिवक्ता को नोटिस जारी किया जाए और भारत संघ का प्रतिनिधित्व करने वाले अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल को सूचित किया जाए जिससे ईडी और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील मामले की सुनवाई के लिए तय तारीख यानी अगले सोमवार (26 फरवरी) को उपस्थित रहें.
संदेशखाली में लगाई धारा 144 पर अगले आदेश तक लगाई थी रोक
पश्चिम बंगाल सरकार ने न्यायमूर्ति कौशिक चंदा के सोमवार को दिए गए आदेश को चुनौती देते हुए खंडपीठ के समक्ष एक अपील दायर की थी जिन्होंने प्रशासन की ओर से संदेशखाली में लगाई गई धारा 144 पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी. खंडपीठ में न्यायमूर्ति हिरणमय भट्टाचार्य भी शामिल थे जिन्होंने बीजेपी नेता को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि उनके लिए तैनात किए गए सुरक्षाकर्मियों को छोड़कर कोई भी समर्थक या पार्टी से जुड़ा व्यक्ति उनके साथ न जाए.
खंडपीठ ने बशीरहाट के पुलिस अधीक्षक और पश्चिम बंगाल सरकार को एकल पीठ की ओर से जारी आदेशों का पालन करने का निर्देश दिया.
न्यायमूर्ति चंदा ने सोमवार को राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षा कर्मियों को तैनात करने का निर्देश दिया था कि उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली ब्लॉक दो में अधिकारी की गांव की यात्रा के दौरान कोई अप्रिय घटना न हो.
उन्होंने बशीरहाट के पुलिस अधीक्षक को एक फरवरी, 2024 से लेकर अब तक संदेशखाली पुलिस थाने के अधिकार क्षेत्र में कथित दुष्कर्म और यौन उत्पीड़न से संबंधित दर्ज आपराधिक मामलों की संख्या के संबंध में सुनवाई की अगली तारीख पर अदालत के समक्ष एक रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया था.
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