Sandeshkhali Row: लंबी है संदेशखाली में शाहजहां शेख के जुर्म की कहानी, 6 दिन में मिलीं 700 से ज्यादा शिकायतें
Sandeshkhali News: संदेशखाली के BDO का कहना है कि कुल मिली शिकायतों में 150 से अधिक कंप्लेंट भूमि से संबंधित हैं, जबकि 70 मामले जबरन रुपये वसूली के हैं. अब प्लॉट असली मालिकों को लौटाया जा रहा है.
Sandeshkhali Latest News: पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में टीएमसी नेता शाहजहां शेख की काली करतूत सामने आने के बाद अब पीड़ित खुलकर सामने आने लगे हैं. राज्य में विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के दबाव में पश्चिम बंगाल सरकार ने छह दिन पहले लोगों से अपनी कोई भी शिकायत बीडीओ के पास दर्ज कराने के लिए एक आउटरीच कार्यक्रम शुरू किया था. तब से लेकर अब तक 700 से अधिक लोग अपनी शिकायत दर्ज करा चुके हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्लॉक विकास कार्यालय (बीडीओ) में शिकायत दर्ज कराने वाले लोगों की लंबी कतार लगी है. बता दें कि यहां के लोगों ने टीएमसी नेता शाहजहां शेख पर जमीन पर कब्जा करने से लेकर यौन उत्पीड़न तक के आरोप लगाए थे. शाहजहां शेख ईडी टीम पर हमले के बाद से ही फरार चल रहा है.
जमीन लौटाने की प्रक्रिया हुई शुरू
अब राज्य सरकार ने उस जमीन को वापस करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है, जिसे कथित तौर पर टीएमसी के लोगों ने हड़प लिया था और मछली पालन के लिए बदल दिया था. रिपोर्ट के मुताबिक, संदेशखाली सेकेंड ब्लॉक के बीडीओ अरुण कुमार सामंत ने बताया कि हमें पिछले छह दिनों में 700 से अधिक शिकायतें मिली हैं. 150 से अधिक कंप्लेंट भूमि-संबंधित हैं, जबकि 70 मामले जबरन रुपये वसूली से जुड़े हैं. हमने वास्तविक मालिकों की पहचान करने और उन्हें जमीन लौटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
सीनियर अफसरों को भेजी जा रही जबरन वसूली की फाइल
अरुण कुमार सामंत ने कहा, “पुलिस कानून-व्यवस्था पर ध्यान दे रही है. हमने जमीन वापसी की प्रक्रिया शुरू कर दी है. शिकायत मिलने के बाद हम उस पर फौरन कार्रवाई करते हैं और हमारे अधिकारी क्षेत्र के दौरे और निरीक्षण के लिए जाते हैं. इसके बाद जमीन वास्तविक मालिकों को वापस कर दी जाती है. अब तक हमने 60 ऐसे भूमि भूखंडों की पहचान की है और उन्हें सौंपना शुरू कर दिया है.” उन्होंने कहा कि जबरन वसूली की शिकायतों में हम हर मामले का सत्यापन करके उसकी जानकारी उच्च अधिकारियों को भेज रहे हैं. वहां से ग्रामीणों को पैसा वापस करने के तरीके पर फैसला किया जाएगा.
ये भी पढ़ें