(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Sandeshkhali: 'सरकार को आनी चाहिए शर्म', संदेशखाली के पूर्व CPM विधायक को जमानत देते हुए बोला हाई कोर्ट
Sandeshkhali Ex MLA Bail: सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि उन पुलिसकर्मियों को तुरंत अरेस्ट करना चाहिए, जिन्होंने सरदार को अरेस्ट किया. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि शरीफ को 17 दिनों तक परेशान किया गया.
Sandeshkhali Ex MLA Bail from Calcutta High Court: कलकत्ता हाई कोर्ट ने मंगलवार (27 फरवरी) को सीपीएम के पूर्व विधायक निरापद सरदार को बिना शर्त जमानत दे दी. कोर्ट ने इस दौरान कहा कि 17 दिनों तक नेता के साथ की गई अभद्रता और प्रताड़ना के लिए राज्य को शर्म आनी चाहिए. कोर्ट ने इस टिप्पणी के अलावा सुझाव दिया कि इसमें शामिल पुलिसकर्मियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए.
अदालत ने कहा कि जिस शिकायत के आधार पर सरदार को गिरफ्तार किया गया था, वह 10 फरवरी को दर्ज की गई थी. पुलिस ने एक दिन पहले ही एफआईआर तैयार की थी. संदेशखाली के पूर्व विधायक सरदार को 11 फरवरी को तृणमूल नेता शिब प्रसाद हाजरा के सहयोगी भानु मंडल की शिकायत के आधार पर सुंदरबन द्वीप में अशांति पैदा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. शिब प्रसाद हाजरा संदेशखाली मामले में पुलिस की गिरफ्त में है.
पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार करने की कही बात
खंडपीठ की अगुवाई कर रहे न्यायमूर्ति देबांगसु बसाक ने घटनाक्रम पर नाराजगी व्यक्त की. न्यायाधीश ने सरदार की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा, ''संबंधित पुलिस अधिकारियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि शरीफ व्यक्ति को 17 दिनों तक अनावश्यक रूप से परेशान किया गया. राज्य को इस कृत्य पर शर्म आनी चाहिए. इस मामले में शामिल पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए और उन पर उचित मुकदमा चलाया जाना चाहिए."
देर शाम निरापद सरदार को किया गया रिहा
न्यायमूर्ति बसाक ने कहा, “पुलिस को अदालत के सामने उचित स्पष्टीकरण देना होगा. किसी भी स्वतंत्र देश में पुलिस किसी नागरिक पर इस तरह से अत्याचार नहीं कर सकती है.” न्यायमूर्ति बसाक ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर याचिकाकर्ता को मंगलवार को रिहा नहीं किया गया तो पुलिस को अवमानना की कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. इसके बाद सरदार को बशीरहाट जेल से रिहा कर दिया गया.
1 मार्च को होगी मामले में अगली सुनवाई
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 1 मार्च की तारीख तय की है. इस दौरान बशीरहाट जिले के पुलिस प्रमुख को इस तरह की कार्रवाई करने के पीछे की वजह बताते हुए एक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा गया है.
जेल से निकलकर सरदार ने उठाए TMC पर सवाल
मंगलवार (27 फरवरी) शाम को बशीरहाट जेल से बाहर आते हुए 54 वर्षीय सरदार ने कहा कि संदेशखाली के लोगों ने टीएमसी को जवाब दे दिया है. उन्हें पता होना चाहिए कि लोगों से बहुत कड़ी प्रतिक्रिया उनका इंतजार कर रही है. विधानसभा में सदन के पटल पर मैंने 2013 में इन मुख्य मुद्दों को उठाया था. मैंने इसके बाद भी कई बार इसे उठाया, लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया.
टीएमसी नेता ने दी पूरे मामले में ये सफाई
तृणमूल के राज्य महासचिव कुणाल घोष ने इस मामले में कहा कि गिरफ्तारी के कुछ कारण रहे होंगे. अदालत के अनुसार, उनकी जमानत के भी कारण रहे होंगे. जमानत कानूनी प्रक्रियाओं का एक हिस्सा है. उस पर हमारे पास कहने के लिए कुछ नहीं है.
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