Sandeshkhali Violence News: पश्चिम बंगाल के संदेशखालि में जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न के आरोपी तृणमूल कांग्रेस के (टीएमसी) नेता शाहजहां शेख और उनके सहयोगी आदिवासियों को लगातार प्रताड़ित करते रहे हैं. यह दावा है राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) कि उसे टीम का जिसने हाल ही में हिंसा ग्रस्त क्षेत्र का दौरा कर एक रिपोर्ट तैयार की है. एनसीएसटी ने कहा है कि शाहजहां के लोग गरीब आदिवासी परिवारों से मनरेगा की मजदूरी जबरदस्ती ले लेते थे और पार्टी के खिलाफ वोट करने पर उन्हें प्रताड़ित करते थे.


' पुलिस ने दिया शाहजहां और साथियों को संरक्षण'
 शिकायतकर्ताओं ने उपाध्यक्ष अनंत नायक के नेतृत्व वाली एनसीएसटी की तीन सदस्यीय टीम को बताया गया कि पश्चिम बंगाल पुलिस ने शाहजहां और उसके साथियों को कथित तौर पर ‘‘संरक्षण’’ दिया. जांच टीम दिल्ली वापस आ गई है और रिपोर्ट दाखिल करने की प्रक्रिया में है और रिपोर्ट सरकार को भेजी जायेगी.


50 से अधिक शिकायतें मिली
 न्यूज एजेंसी पीटीआई ने नायक के हवाले से बताया है कि आयोग को शाहजहां और उसके सहयोगियों द्वारा आदिवासी महिलाओं के यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने की 50 से अधिक शिकायतें मिली हैं. पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में स्थित संदेशखालि में स्थानीय महिलाओं ने शाहजहां शेख और उसके समर्थकों पर जबरन जमीन हड़पने तथा वर्षों तक उनका यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है जिसके बाद से यह जगह सुर्खियों में है. 


'टीएमसी को वोट नहीं देने वालों को किया प्रताड़ित'


 नायक ने कहा कि एनसीएसटी की टीम को पता चला है कि शाहजहां गरीब आदिवासी लोगों को अपनी मनरेगा की कमाई उसे देने का निर्देश देता था. एनसीएसटी के उपाध्यक्ष ने कहा कि शिकायतकर्ताओं ने, जिनमें से ज्यादातर हिंदू हैं, जांच टीम को बताया कि आरोपी और उसके सहयोगियों ने चुनाव में अन्य पार्टियों को वोट देने वाले लोगों को प्रताड़ित किया.
 उन्होंने कहा कि आयोग को पता चला है कि शाहजहां और उसके सहयोगी स्थानीय महिलाओं को देर रात बैठकों में आने के लिए कहते थे और जो लोग उनकी मांगें नहीं मानते थे, उनके परिवार के सदस्यों को प्रताड़ित करते थे.


' शाहजहां से समझौते के लिए कहती थी पुलिस'
नायक ने कहा, ‘‘अगर पीड़ित महिलाएं पुलिस के पास जाती, तो वह प्राथमिकी या शिकायत दर्ज करने के बजाय शिकायतकर्ताओं को शाहजहां के साथ 'बातचीत' करने के लिए कहती. पुलिस ने इस मामले में आरोपियों का समर्थन किया.’’
उन्होंने कहा कि शाहजहां ने 10 किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में एक हजार से अधिक आदिवासी और गैर-आदिवासी लोगों की जमीन कथित तौर पर हड़प ली. आयोग ने 20 फरवरी को पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और राज्य के पुलिस प्रमुख को नोटिस जारी कर तीन दिन के भीतर मामले पर तथ्यात्मक और कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने को कहा था.


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