TMC Leader Shahjahan Sheikh Terror: पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले का गांव संदेशखाली इन दिनों खासा चर्चाओं में बना हुआ है. तृणमूल कांग्रेस के नेता 42 वर्षीय शाहजहां शेख जो 'भाई' के नाम से फेमस हैं, उन पर यौन शोषण और दबंगई जैसे गंभीर आरोप लगे हैं. यहां प्रदर्शनकारी महिलाएं शाहजहां शेख पर आरोप लगाते हुए रो पड़ीं.
बांग्लादेश सीमा से सटे संदेशखालि गांव में धारा-144 भी लगाई है जिसके बाद से यहां पर पुलिस का कड़ा पहरा है. एनबीटी की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य डेलिना खोंगडुप का कहना है कि संदेशखाली में महिलाओं की स्थिति और पुलिस की भूमिका राज्य की बेहद ही डरावनी तस्वरीर पेश करती हैं. हालांकि, टीएमसी इन सभी आरोपों को बेबुनियाद और निराधार बता रही है.
ममता सरकार के मंत्री पार्थ भौमिक का इस मामले पर कहना है कि यह जमीन के बदले पैसे का विवाद है. जमीन की लीज के एवज में कई लोगों को भुगतान नहीं किया गया. इस वजह से लोग नाराज हो गए. मंत्री ने महिलाओं से दुष्कर्म जैसे आरोपों से साफ इनकार किया है. मामले में पुलिस की ओर से गिरफ्तारियां भी की गई हैं. अब तक 17 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
पार्टी मीटिंग के नाम पर महिलाओं को बुलाते थे रात 12 बजे
महिला आयोग के मुताबिक, आरोप लगाए जा रहे हैं कि संदेशखाली में महिलाएं इस कदर डरी हुई हैं कि वो शाम के बाद घरों से नहीं निकलती हैं. आरोप लगाए गए हैं कि शाहजहां शेख के लोग महिलाओं को पार्टी की मीटिंग के नाम पर रात को 12 बजे ऑफिस में बुलाते थे.
महिला आयोग की टीम जब संदेशखाली पहुंची तो महिलाएं अपनी व्यथा सुनाकर रोने लगीं थीं. पीड़ित महिलाओं से पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने भी संदेशखाली में मुलाकात की है.
महिलाओं ने कैमरे पर आकर सुनाई आपबीती
दो रोज पहले संदेशखाली की कई महिलाओं ने कैमरे के सामने आकर भी अपनी आपबीती सुनाई थी. उन्होंने टीएमसी नेता और उनके सहयोगियों पर यौन उत्पीड़न और दुष्कर्म के कई गंभीर आरोप लगाए थे. न्याय की मांग करने वाली महिलाएं लगातार विरोध प्रदर्शन कर धरना दे रही हैं. इस तरह की घटनाओं पर राष्ट्रीय महिला आयोग की ओर से भी कड़ा संज्ञान लिया गया है.
झूठे केस में गिरफ्तारी के आरोप
मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से राष्ट्रीय महिला आयोग की रिपोर्ट में पश्चिम बंगाल पुलिस की शाहजहां शेख से कथित मिलीभगत होने का जिक्र भी किया गया है. महिलाओं से बातचीत के आधार पर महिला आयोग ने बताया कि जब महिलाएं शाहजहां शेख और उसके सहयोगियों के खिलाफ आवाज उठाती थीं तब कथित तौर पर बंगाल पुलिस उनके परिवार को परेशान करती थी.
आयोग के मुताबिक, शाहजहां शेख के इशारे पर ही कथित तौर पर पुलिस पीड़िताओं के पतियों को झूठे केस में गिरफ्तार करती रही. टीएमसी का प्रशासन भी नौकरी करने वाले लोगों को ट्रांसफर कराने की धमकी देता रहा.
19 फरवरी को संदेशखाली जाएंगी NCW अध्यक्ष
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा 19 फरवरी को संदेशखाली जाएंगी. वह सभी पीड़िताओं से बातचीत भी करेंगी. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए संदेशखाली में हिंसा और यौन उत्पीड़न को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी एक जनहित याचिका दायर की गई है. याचिका में इसकी जांच बंगाल से बाहर कराने की मांग की गई है.
मछली बिजनेस से राजनीति में बनाई खास पकड़
मछली का बिजनेस करने वाले शाहजहां शेख की राजनीतिक एंट्री की बात करें तो उन्होंने 2004 में ईंट भट्ठा यूनियन से अपनी राजनीति शुरू की थी. इसके बाद सीपीआई(एम) ने उन्हें यूनियन नेता बना दिया. इसके बाद उन्होंने विवादित जमीनों की खरीद-फरोख्त और ब्याज पर पैसा देने का काम शुरू कर दिया जिससे उनका रसूख बढ़ता चला गया.
2011 में शेख ने सीपीएम छोड़कर टीएमसी ज्वाइन की और मुकुल राय के बेहद करीबी बन गए. यहां से पहुंचते हुए वो टीएमसी के दिग्गज नेता ज्योतिप्रिय मल्लिक के करीबी बन गए और धीरे-धीरे सत्ता और प्रशासन में बड़ी बना ली. आरोप यह भी है कि 2018 में ग्राम पंचायत के उप प्रमुख बनने के बाद उन्होंने जमीन कब्जाने का गोरखधंधा भी शुरू कर दिया.