RG Kar Evidence:  आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के हाथ कुछ अहम दस्तावेज लगे हैं.  इससे पता चलता है कि मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष ने पीड़िता का शव बरामद होने के एक दिन बाद राज्य के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को अपराध स्थल के आस-पास की जगह पर मरम्मत करने के निर्देश दिए थे.


पीड़िता का शव 9 अगस्त की सुबह अस्पताल परिसर के सेमिनार कक्ष से बरामद किया गया था. एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि घोष ने राज्य के पीडब्ल्यूडी को सेमिनार हॉल से सटे एक कमरे और शौचालय में मरम्मत के लिए अनुमति पत्र जारी किया था. ये वही जगह है जहां अपराध को अंजाम दिया गया था.


आनन फानन में लिया गया फैसला?


जांच अधिकारियों ने घोष के हस्ताक्षर वाला अनुमति पत्र हासिल कर लिया है, जिस पर 10 अगस्त की तारीख है. सूत्रों ने बताया कि शुरू में ऐसा माना गया कि पीडब्ल्यूडी को जीर्णोद्धार कार्य शुरू करने का निर्देश घोष के निर्देश पर आरजी कार के एक प्रशासनिक अधिकारी ने दिया था. हालांकि, अनुमति पत्र से यह स्पष्ट हो गया कि संदीप घोष मरम्मत करवाने के लिए कितनी जल्दबाजी में थे. 13 अगस्त की शाम को, कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ द्वारा सीबीआई को कोलकाता पुलिस से बलात्कार और जांच की जांच अपने हाथ में लेने का आदेश दिए जाने के कुछ ही घंटों बाद, राज्य पीडब्ल्यूडी कर्मचारियों ने सेमिनार हॉल के बगल में एक कमरे में मरम्मत कार्य करने का प्रयास किया, जहां से 9 अगस्त की सुबह पीड़िता का शव बरामद किया गया था. हालांकि, काम शुरू होते ही अस्पताल परिसर में छात्र समुदाय द्वारा बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद नवीनीकरण का काम नहीं हो सका.


संदीप घोष के खिलाफ दो मामलों में जांच 


जांच अधिकारियों का मानना ​​है कि क्योंकि दस्तावेज अस्पताल के मरम्मत करवाने में संदीप घोष की उत्सुकता को दर्शाता है, इसलिए एजेंसी की ओर से दो समानांतर जांचों के बीच संबंध स्थापित करने में मददगार हो सकता है. पहली मामला बलात्कार और हत्या के मामले में और दूसरी आरजी कार में वित्तीय अनियमितताओं के मामले में जांच. संदीप घोष वर्तमान में वित्तीय अनियमितताओं के मामले में सीबीआई की हिरासत में है. 


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