नई दिल्ली: देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान परेशान महिलाओं के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ आगे आया है. संघ ने घरेलू हिंसा समेत किसी भी तरह की समस्या से घिरी महिलाओं के लिए हेल्पलाइन सेवा शुरू की है. जिसके जरिये महिलाएं अपनी समस्या बता सकती है और उसके निदान के लिए परामर्श भी ले सकती है. यही नहीं, संघ परिवार महिलाओं को न्यायिक मदद समेत उन्हें चिकित्सकीय मदद भी मुहैया कराएगी. गौरतलब है कि देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान महिलाओं पर हिंसा के तमाम मामले सामने आ रहे हैं. हाल ही में जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति गीता मित्तल और न्यायमूर्ति राजेश ओसवाल की खंडपीठ ने लॉकडाउन के दौरान महिलाओं पर होने वाली घरेलु हिंसा के मामलों को संज्ञान में लिया है.


संघ से जुड़ी महिलाओं का कहना है कि इस दौरान छोटे-छोटे घरों में रहने वाली महिलायें, पति द्वारा हिंसा की शिकार महिलायें, लॉकडाउन के चलते असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाली महिलाओं का नौकरी जाना और अस्वस्थ्य महिलाओं को उचित वक्त पर मेडिकल सुविधा न मिलना जैसे कारणों के चलते महिलाओं में चिंता और तनाव के लक्षण पैदा होते जा रहे हैं. इन्हीं सब मुद्दों को देखते हुए संघ ने लॉकडाउन में घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओें के लिए एक हेल्प लाइन सेवा शुरू की है. इस हेल्प लाइन सेवा के साथ दिल्ली की महिला अधिवक्ता, डॉक्टर, कारोबारी, प्रोफेसर, शिक्षाविद, सामाजिक कार्यकर्ता और दूसरे क्षेत्रों में काम करने वाली वह महिलाएं बड़ी संख्या में जुड़ी है जो संघ के स्वयंसेवकों के परिवारों से जुड़ी कार्यकर्ता हैं.


संघ की तरफ से शुरू की गई हेल्प लाइन के माध्यम से महिलाओं की समस्या का निदान किया जाएगा और उनकी टेलीफोन के माध्यम से ही काउंसलिंग भी की जाएगी. लॉकडाउन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए संघ से जुड़ी महिलायें पीड़ित महिलाओं की समस्याओं का निदान करेंगी. इस हेल्प लाइन के लिए 817-817-1234 नंबर जारी किया गया है. इस नंबर पर महिलाएं अपनी समस्याओं के बारे में फोन कर सुझाव और निदान मांग सकती है. इस हेल्प लाइन पर महिलाएं परामर्श और समस्या समाधान दोनों के लिए कॉल कर सकती हैं और काउंसलर के समक्ष अपनी समस्या भी रख सकती है. महिलाओं के प्रति घरेलु हिंसा, पारिवारिक प्रताड़ना, पति द्वारा मारपीट, अन्य हिंसा के मामलों को महिलाएं इस हेल्प लाइन के माध्यम से व्यक्त कर सकती हैं.


संघ से जुड़ी एडवोकेट प्रतिमा लाकड़ा का कहना हैं कि हमारा उद्देश्य लॉकडाउन में से परेशान महिलाओं का मार्ग दर्शन करना और उन्हें सहायता दिलाने के साथ ही उन्हें उचित कानूनी और मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराना है. उन्होंने बताया कि आज के दौर में पुरुष और महिलाओं को समान अधिकार प्राप्त हैं. ऐसे वक्त में अगर महिलाओं के साथ हिंसा और प्रताड़ना की खबर आती है तो बहुत दुख होता है. प्रतिमा लाकड़ा ने कहा कि आज सारा देश जब कोरोना संकट से लड़ाई लड़ रहा है तो हमें अपने घर की महिलाओं के प्रति भी सम्मान का प्रदर्शन करना चाहिए ताकि समाज में एक अच्छा संदेश जाए .उन्होंने कहा कि संघ ने जो हेल्प लाइन शुरू की है वह उनका एक छोटा सा प्रयास है जिसके द्वारा हम लॉकडाउन में पीड़ित महिलाओं की सहायता करना चाहते हैं.