सैनिटाइजर, मास्क आवश्यक वस्तु अधिनियम के दायरे से बाहर , कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा
सरकार ने फेस माक्स और हैंड सैनिटाइजर को अब आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के दायरे से बाहर कर दिया है. कालाबाजारी और जमाखोरी रोकने के लिए इन्हें 100 दिन के लिए आवश्यक वस्तुओं का श्रेणी में रखा गया था.
नई दिल्ली: कांग्रेस ने हैंड सैनिटाइजर और फेस मास्क को आवश्यक वस्तु अधिनियम के दायरे से बाहर निकालने के फैसले को लेकर शुक्रवार को सरकार पर निशाना साधा और सवाल किया कि क्या कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई खत्म हो गई है.
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘अगर 16 जून को हैंड सैनिटाइजर आवश्यक वस्तु था तो फिर 15 दिनों में क्या बदल गया? सरकार क्यों चाहती है कि लोगों से ज्यादा कीमत वसूली जाए? कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई के लिए जरूरी वस्तुओं के मूल्य की सीमा क्यों नहीं है?’’
सुरजेवाला ने यह सवाल भी किया, ‘‘ क्या कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई खत्म हो गई है?’’
“Opportunity in Adversity” said the PM The “unholy nexus” of BJP Govt with MNCs/Companies of profiteering at the cost of people stands exposed.👇 Govt has removed face masks & hand sanitisers as ‘essential commodities’. Now, masks/hand sanitizers can be sold at any MRP! 1/n pic.twitter.com/fpaJLtoEsN
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) July 10, 2020
बता दें कि फेस माक्स और हैंड सैनिटाइजर को अब आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के दायरे से बाहर कर दिया गया है. उपभोक्ता मामलों की सचिव लीना नंदन ने मंगलवार को यह जानकारी दी.उन्होंने कहा कि अब देश में चेहरा ढकने के मास्क और सैनिटाइजर की आपूर्ति पर्याप्त हैं, ये अब आवश्यक उत्पाद नहीं रह गए हैं.
केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने 13 मार्च को फेस मास्क और सैनिटाइजर को 100 दिन के लिए आवश्यक वस्तु घोषित किया था. उस समय कोरोना वायरस महामारी की वजह से इन उत्पादों की मांग में जोरदार इजाफा हुआ था. इन उत्पादों की आपूर्ति बढ़ाने और जमाखोरी रोकने के लिए यह कदम उठाया गया.
लगातार बारिश से कोशी सहित तमाम नदियां उफान पर, बिहार के कई इलाकों में मंडरा रहा बाढ़ का खतरा सवालों के घेरे में विकास दुबे का एनकाउंटर, उज्जैन के ASP ने कहा था- हो सकता है विकास कानपुर पहुंचे ही नहीं, वीडियो वायरल