मुंबई: महाराष्ट्र में मौजूद महाविकास आघाड़ी सरकार के बीच कुछ ठीक नही चल रहा है इसकी सुगबुगाहट सरकार के बनने से ही होती रही है. यह सरकार कितनी मजबूत है इसको लेकर विपक्ष शुरू से ही सवाल उठाता रहा है. इसका प्रमाण आज शिवसेना के मुखपत्र सामना में भी साफ तौर पर देखने को मिला.  जब  मुखपत्र ‘सामना’ में कांग्रेस की तुलना एक पुरानी खाट से की गई जो हमेशा कुरकुर करती है.


इस लेख के बाद महाविकास अघाड़ी सरकार के बीच सियासी हलचल तेज हो गई. ‘सामना’ में कांग्रेस को लेकर आज जो तंज कसा गया है. उस पर कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने भी खुलकर बोला है. उन्होंने शिवसेना पर जमकर निशाना साधा है. संजय निरुपम ने तो शिवसेना के अस्तित्व और चरित्र को लेकर सीधा सवाल खड़े किए है.


एबीपी न्यूज़ से खास बात चीत करते हुए संजय निरुपम ने शिवसेना को याद दिलाया कि आज महाराष्ट्र में शिवसेना का कोई व्यक्ति मुख्यमंत्री बना है तो उसका श्रेय केवल कांग्रेस को ही जाता है. शिवसेना को इस बात का अहसास होना चाहिए कि आज कांग्रेस के कारण ही महाराष्ट्र में शिवसेना का मुख्यमंत्री है.


कांग्रेस नेता संजय निरुपम यहीं नहीं रुके उन्होंने तो सीधा शिवसेना के चरित्र पर सवाल उठा दिया. उन्होंने पूछा की आज शिवसेना का चरित्र क्या है? ये वही शिवसेना है जो सालों से बीजेपी के दरवाजे पर 'हाथ मे कटोरा लेकर खड़ी रहती थी' आज वो कांग्रेस पर सवाल उठा रही है.


निरुपम ने कहा, “कांग्रेस के साथ ये होना ही था क्योंकि यह शिवसेना का चारित्रिक दोष है. ये मुझसे बेहतर कोई नही जान सकता है. मैं तो शुरू से ही कह रहा था कि महाराष्ट्र में ये 'बेमेल' शादी ज्यादी नही चल सकती हैं.”


शिवसेना के समय मे आज कांग्रेस की दुर्गति यह हो गई है कि कांग्रेस के नेता शिवसेना के दरवाजे पर कटोरा लेकर खड़े हैं. आज मुख्यमंत्री के पास विरोधियों से मिलने का समय है लेकिन हमारे नेताओं से मिलने के लिए समय नही. आज हमें उनसे मिलने के लिए समय मांगना पड़ रहा है.


संजय निरुपाम ने शिवसेना के साथ ही कांग्रेस पर भी सवाल उठाया और कहा के कांग्रेस आज अपनी यह दशा खुद अपने हाथों कर रही है. आज कांग्रेस को यह तय करना है कि उन्हें इस सरकार में रहना है या नही. ये सरकार तब तक चलेगी जब तक कांग्रेस अपमान का घूट पीती रहेगी. तब तक चलेगी जब तक इसी तरह से दोंनो पार्टियों द्वारा जलील होती रहेगी.


शिवसेना ने कांग्रेस को बताया 'पुरानी खाट' और कांग्रेसी नेताओं की नाराजगी को बताया 'कुरकुराहट'