संजय राउत ने सोनिया गांधी की जगह शरद पवार को UPA चेयरपर्सन बनाने की वकालत, कांग्रेस ने दी ये प्रतिक्रिया
शिवसेना सासंद संजय राउत ने कहा कि शरद पवार को यूपीए के नए चेयर पर्सन बनने से मजबूती आएगी मौजूदा दौर में यूपीए कमजोर होती जा रही है.
यूपीए सोनिया गांधी के नेतृत्व में ही आगे बढ़ा है और बढ़ रहा है- सांसद नासिर हुसैन
संजय राउत के इस के बाद कांग्रेस की तरफ से सांसद नासिर हुसैन ने जवाब देते हुए कहा कि फिलहाल यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी है और अभी चेयरपर्सन पद के लिए कोई वैकेंसी मौजूद नहीं है. कांग्रेसी सांसद ने कहा कि हर शख्स की एक अपनी महत्वाकांक्षा हो सकती है और उस पर राय हो सकती है लेकिन उसको यूपीए की राय के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए क्योंकि यूपीए सोनिया गांधी के नेतृत्व में ही आगे बढ़ा है और बढ़ रहा है.
वहीं यूपीए का हिस्सा आरजेडी के सांसद मनोज झा ने कहा कि फिलहाल कोशिश इस बात की होनी चाहिए कि ऐसे मुद्दों पर बात हो जो सीधे जनता से जुड़े हुए हो और जिनके जरिए जनता तक पहुंचा जा सके. क्योंकि मौजूदा दौर में कौन चेहरा हो या ना हो इस बात से ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि कैसे जनता के बीच पहुंच कर उनको भरोसा दिया जा सके और समर्थन हासिल किया जाए.
कांग्रेस के सहयोगी दल का कहना कि कांग्रेस खत्म होती जा रही है- बीजेपी
संजय राउत के बयान ने बीजेपी को भी एक मौका दे दिया है. बीजेपी के सांसद शिव प्रताप शुक्ला और मीनाक्षी लेखी ने संजय राउत के बयान का हवाला देते हुए कहा कि अब तो कांग्रेस के सहयोगी दल भी कहने लगे हैं कि कांग्रेस खत्म होती जा रही है. रही बात यूपीए की तो उसकी क्या हालत है यह तो आंकड़े ही बताते हैं, जहां पर सिर्फ गिनी चुनी पार्टियां ही अब यूपीए के साथ बची हैं. हालांकि बीजेपी नेताओं का यह भी कहना है कि यूपीए की जिम्मेदारी कोई भी क्यों ना संभाले लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम के चलते जनता का भरोसा उन पर बना रहेगा. ऐसे में यूपीए का चेहरा कौन होगा इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता.
यह कोई पहली बार नहीं है जब संजय राउत ने यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी के हटने की बात कही हो, इससे पहले भी संजय राउत ऐसी बात कर चुके हैं. लेकिन मौजूदा दौर में जब महाराष्ट्र में गृह मंत्री अनिल देशमुख के पद को लेकर सवाल उठ रहे हैं और महाराष्ट्र सरकार कटघरे में खड़ी हो रही है ऐसे में संजय राउत का यह बयान एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है.
कई दल कांग्रेस के नेतृत्व में यूपीए का हिस्सा नहीं बनना चाहते
वैसे भी शरद पवार के लिए कहा जाता है कि वह जो कहते हैं वह करते नहीं और जो करते हैं वह कहते नहीं. हालांकि सबके बीच शरद पवार ने भी कुछ दिनों पहले ही तीसरे मोर्चे की जरूरत का जिक्र किया था. इस सब के बीच सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक फिलहाल अब कोशिश इस बात की चल रही है कि कैसे उन दलों को भी एक बैनर तले लाया जा सके जो फिलहाल मौजूदा यूपीए का हिस्सा नहीं है. लेकिन चुनौती यह है कि इसमें से कई दल कांग्रेस के नेतृत्व में यूपीए का हिस्सा नहीं बनना चाहते और संभवतः इसी बात को समझते हुए अब शरद पवार के नाम को थोड़े थोड़े अंतराल में आगे बढ़ाया जा रहा है.
यह भी पढ़ें.
सचिन वाजे को 3 अप्रैल तक NIA हिरासत में भेजा गया, निलंबित अधिकारी ने कोर्ट में किया ये बड़ा दावा