Watch: वही अंदाज...वही तीखे तेवर, कार की रूफ टॉप से निकलकर संजय राउत ने लहराया शिवसेना का 'गमछा'
अगस्त 2022 में पात्रा चॉल घोटाला मामले में सीबीआई ने राउत को 5 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था, वह लगभग 100 दिनों के बाद रिहा किये गये हैं.
Sanjay Raut Bail: शिवसेना सांसद संजय राउत बुधवार को जेल से रिहा कर दिये गये. ईडी ने उनको पात्रा चॉल घोटाला मामले में 1 अगस्त को गिरफ्तार किया था. जेल से बाहर आते वक्त वह अपने पुराने अंदाज में नजर आए. उन्होंने जेल के बाहर स्वागत में खड़े समर्थकों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया.
राउत के रिहा होते ही आर्थर रोड जेल के बाहर उनके समर्थकों ने और शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने पटाखे फोड़े और एक-दूसरे को गुलाल लगाया. इसके साथ ही संजय राउत के समर्थन में नारेबाजी भी की. संजय राउत 100 दिनों से भी ज्यादा समय से जेल में बंद थे.
#WATCH | Shiv Sena (Uddhav Thackeray faction) leader Sanjay Raut released from Arthur Road jail after Mumbai's PMLA court granted him bail in Patra Chawl land scam case earlier today. pic.twitter.com/9LnLnmV3aI
— ANI (@ANI) November 9, 2022
बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई
शिवसेना नेता संजय राउत को ईडी ने पात्रा चॉल घोटाला मामले में गिरफ्तार किया था. बुधवार को मुंबई की एक विशेष अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए उनकी जमानत याचिका को स्वीकार कर लिया था. जमानत का विरोध करते हुए ईडी ने बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया, जहां पर उनकी जमानत को लेकर गुरुवार को सुनवाई की जाएगी.
मुंबई हाईकोर्ट ने संजय राउत की जमानत याचिका पर फिलहाल स्टे देने से इनकार किया. ईडी की याचिका पर कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि प्रक्रिया के खिलाफ जाकर सुनवाई नहीं की जा सकती है. हम गुरुवार सुबह को इस मामले में सुनवाई करेंगे. हाईकोर्ट ने कहा कि महीने भर की सुनवाई के बाद सेशन कोर्ट ने जो आदेश दिया है, उस पर सिर्फ 10 मिनट में कोई डिसीजन देना ठीक नहीं है.
क्या है जमानत मिलने के बाद की प्रक्रिया?
शिवसेना नेता संजय राउत की जमानत मिलने की खबरों पर जेल के सूत्रों ने बताया कि हम नियमों के मुताबिक तथ्यों की जांच करते हैं और एक तय प्रक्रिया के मुताबिक कैदियों को रिहा करते हैं. आमतौर पर जेल जमानत के आदेश की कॉपी शाम साढ़े पांच बजे तक स्वीकार कर लेती है. जमानत पाने वाले किसी भी कैदी को इसकी एक कॉपी जेल के बाहर ड्रॉप बॉक्स में जमा करानी होती है और जेल अधिकारी उसकी एक कॉपी ले लेते हैं और फिर कैदी को रिहा कर देते हैं.
जमानत के लिए राउत के वकीलों ने क्या दलील दी थी?
संजय राउत के वकीलों ने अपनी जमानत याचिका में दावा किया था कि उनके खिलाफ, जो मामला है वह सत्ता के दुरुपयोग और राजनीतिक प्रतिशोध का उदाहरण है. ईडी ने राउत की याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि उन्होंने पात्रा चॉल पुनर्विकास से संबंधित धनशोधन मामले में प्रमुख भूमिका निभाई और धन के लेन-देन से बचने के लिए पर्दे के पीछे से काम किया. ईडी की जांच पात्रा चॉल के पुनर्विकास से संबंधित कथित वित्तीय अनियमितता और कथित रूप से उनकी पत्नी और सहयोगियों से संबंधित वित्तीय लेनदेन से संबंधित है.