Sanjay Raut On Ajit Pawar: सांसद संजय राउत ने शनिवार (15 जुलाई) को दावा किया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने दिल्ली में बीजेपी नेतृत्व से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता अजित पवार को वित्त विभाग नहीं देने का आग्रह किया था, लेकिन वह नहीं माने. 


राउत ने यह भी दावा किया कि शिंदे की शिवसेना को बताया गया कि अगर उसे अजित पवार को महाराष्ट्र सरकार में वित्त मंत्रालय दिए जाने में दिक्कत है तो पद की अदला-बदली कर उन्हें (अजित पवार) मुख्यमंत्री पद दे सकती है.  राउत के दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए अजित पवार ने कहा कि यह बेवजह माहौल बिगाड़ने की कोशिश है. 


संजय राउत क्या बोले?
राउत ने दावा किया, ‘‘वे दिल्ली गए और उन पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. उनसे कहा गया कि अगर वे इच्छुक हैं तो (सरकार में) बने रहें. दिल्ली ने कहा कि अगर आपको अजित पवार के पास वित्त विभाग रहने से दिक्कत है तो विभाग अपने पास रखें और पद की अदला-बदली कर उन्हें (पवार) मुख्यमंत्री पद दे दे. मेरे पास यही जानकारी है.''


दो जुलाई को एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस सरकार में शामिल हुए नौ एनसीपी विधायकों को शुक्रवार (14 जुलाई) को जब विभाग आवंटित किए गए तो पवार को वित्त और योजना मंत्रालय आवंटित किया गया. वित्त विभाग उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पास था. 


अजित पवार पर क्या आरोप लगाया था?
शिंदे और शिवसेना के अन्य विधायकों ने पिछले साल उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत के कारणों में से एक के रूप में पूर्ववर्ती महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार में वित्त मंत्री के रूप में अजित पवार के कोष को रोकने का हवाला दिया था. 


राउत ने कहा कि अजित पवार का राज्य मंत्रिमंडल में और वित्त मंत्री के रूप में स्वागत करना शिंदे गुट की बेबसी को दर्शाता है. उन्होंने कहा, ‘‘शिंदे गुट का महत्व केवल शिवसेना को तोड़ने तक ही सीमित था और अब वह खत्म हो गया है. मुझे संदेह है कि क्या अजित पवार गुट लंबे समय तक सत्ता में रहेगा. बीजेपी की नीति इस्तेमाल करो और फेंक दो की है.''


अजित पवार ने क्या जवाब दिया?
राउत के इस दावे के बारे में पूछे जाने पर कि शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को मुख्यमंत्री पद छोड़ने के लिए कहा गया था क्योंकि वह वित्त विभाग छोड़ने को तैयार नहीं थे, अजित पवार ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता. यह अनावश्यक रूप से माहौल को बिगाड़ने का प्रयास है. हम विभागों के आवंटन से खुश हैं. ’’ उन्होंने नासिक में कहा कि (मंत्रिमंडल में) लगभग 14 पद खाली हैं और मंत्रिमंडल का विस्तार करना मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है. 


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