महाराष्ट्र की राजनीति में हनुमान चालीसा से शुरू हुए विवाद अब राणा दंपति बनाम शिवसेना हो चुका है. ऐसे में अभी शिवसेना के प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने राणा दंपतियों के उपर डी-गैंग से जुड़ा होने का आरोप लगाया है. राउत ने ट्वीट कर कहा कि सांसद ने डी गैंग के सदस्य युसुफ लकड़ावाला से लोन लिया था. हालांकि इस संबंध में अभी राणा दंपतियों की ओर से कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है.
राउत ने ट्वीट कर पूछा कि नवनीत राणा ने युसुफ लकड़ावाला से ₹80 लाख का लोन लिया था, जिसकी जेल में मौत हो गई थी. उसी लकड़ावाला को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था और उसके डी गैंग से संबंध भी थे. मेरा सवाल है कि क्या ईडी ने इसकी जांच की? यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है.
आपको बता दें कि पिछले कुछ दिनों से मुंबई की सियासी गलियारों में हनुमान चालीसा को लेकर राजनीति गर्माई हुई है. जहां पिछले हफ्ते सांसद नवनीत राणा ने सूबे के सीएम उद्धव ठाकरे के घर मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने का ऐलान किया. तो वहीं महाराष्ट्र पुलिस ने राणा दंपतियों को गिरफ्तार कर उन पर राजद्रोह का केस दर्ज कर लिया.
सरकारी काम में बाधा डालने का लगाया आरोप
इसके अलावा उनके ऊपर एक दूसरी FIR भी दर्ज की गई. उस FIR में राणा दंपत्ति पर सरकारी काम में अड़ंगा डालने का आरोप लगाया गया क्योंकि राणा दंपति ने कथित तौर पर उन पुलिसकर्मियों से बदसलूकी की थी जो कि उन्हें गिरफ्तार करने गए थे. जब दोनों को अदालत में पेश किया गया तो पुलिस ने उनकी रिमांड मांगी लेकिन अदालत ने रिमांड देने से मना कर दिया.
दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. इसके बाद नवनीत राणा को भायखला की महिला जेल में रखा गया है और भायखला से 42 किलोमीटर दूर नवी मुंबई की तलोजा जेल में उनके पति रवि राणा को रखा गया है.
राजद्रोह दर्ज करने पर उठे सवाल
बीजेपी के सांसद खास तौर पर राणा के ख़िलाफ़ राजद्रोह का मामला दर्ज किए जाने से बेहद नाराज़ दिखे. उनका कहना था कि नवनीत राणा की घोषणा के बाद जिस तरह उन्हें अपने घर से निकलने तक नहीं दिया गया वो बेहद आपत्तिजनक था क्योंकि वो एक सांसद हैं और उस घटना से एक सांसद के विशेषाधिकार का हनन हुआ.
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