संजय राउत ने किया उद्धव ठाकरे का बचाव, बोले- उनके बयान में कुछ गलत नहीं, बीजेपी का दिमाग ठिकाने पर नहीं
संजय राउत ने कहा कि कहा सीएम उद्धव ने किसी जाति धर्म या राज्य का नाम नहीं लिया. उनके बयान में कुछ गलत नहीं.
मुंबई: दूसरे राज्यों से आने वालों का ब्यौरा रजिस्टर रखने के निर्देश पर महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे घिरते नजर आ रहे हैं. बीजेपी विधायक अतुल भातखलकर ने मुंबई के समता नगर थाने में शिकायत की है. विधायक ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की है.
बीजेपी विधायक अतुल भातखलकर का कहना है कि रेप करने वालों की कोई जाति, धर्म और प्रांत नहीं होता. उद्धव ने समाज को तोड़ने वाला बयान दिया. मराठी लोगों को खुश करने और अपनी नाकामी छिपाने के लिए ऐसा कहा, वो माफी मांगें.
वहीं बीजेपी के आरोपों पर शिवसेना सांसद संजय राउत ने जवाब दिया और उद्धव ठाकरे का बचाव किया. संजय राउत ने कहा कि कहा सीएम उद्धव ने किसी जाति धर्म या राज्य का नाम नहीं लिया. उनके बयान में कुछ गलत नहीं. संजय राउत ने पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी का दिमाग ठिकाने पर नहीं है.
संजय राउत ने कहा, ''मुंबई एक अंतरराष्ट्रीय दर्जे का शहर है ऐसे में मुख्यमंत्री ने जो कहा है की परप्रांतीय के यहां आने जाने का रिकॉर्ड रखा जाए इसमे गलत कुछ नही है. बीजेपी ने राजनीति बंद कर देनी चाहिए हर बात को लेकर बीजेपी राजनीति कर रही है.मुझे लगता है कि बीजेपी का दिमाग ठिकाने पर नहीं है.''
उन्होंने आगे कहा, ''मुंबई शहर की हालत बिगड़ने में जो लोग जिम्मेदार है अगर उन पर शिकंजा कसने की बात सरकार कर रही है तो उसमें गलत क्या है. सीएम ने किसी जाति धर्म राज्य का नाम नहीं लिया है.''
सामना में 'जौनपुर पैटर्न' को लेकर भी विवाद
शिवसेना के मुख पत्र सामना के सम्पादकीय में साक़ीनाका रेप केस मामले में उत्तर प्रदेश के “जौनपुर पैटर्न” के जिक्र पर भी विवाद हो गया है. बीजेपी नेता कृपा शंकर सिंग ने सामना के बयान को शिव सेना की ओछि राजनीति बताया है. महाराष्ट्र बीजेपी के उत्तर भारतीय मोर्चा ने शिवसेना से पूछा-पुणे के रेप को भी पुणे पैटर्न बोलना चाहिए क्या ?
क्या है पूरा मामला ?
मुंबई के साकीनाका में बीते शुक्रवार को एक 34 वर्षीय महिला के साथ बलात्कार हुआ था और दिल्ली की निर्भया की तरह महिला के साथ हैवानियत हुई थी. जिसके बाद अस्पताल में पीड़िता की मौत हो गयी थी. उसके बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सोमवार को महाराष्ट्र के डीजीपी, पुलिस कमिश्नर और गृहमंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे. तभी उद्धव ने मीटिंग में अधिकारियों से कहा कि महाराष्ट्र में आने वाले हर परप्रांतीय की जानकारी होनी चाहिए ताकि पता लग सके कि कितने लोग मुंबई सहित महाराष्ट्र में आये.
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का यह आदेश मीटिंग तक ही सीमित नहीं रहा. इसके बाद उनके इस आदेश को तमाम पुलिस स्टेशनों को भी भेज दिया गया. इस आदेश में कहा गया कि मुंबई पुलिस के थानों को दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों की जानकारी रखनी चाहिए. यह लोग कहां से आ रहे हैं और कहां जा रहे हैं इस बारे में भी पुलिस को सूचना रखनी चाहिए. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का यह आदेश जैसे ही विपक्षी दलों तक पहुंचा उन्होंने फौरन ही ठाकरे के इस आदेश को समाज को तोड़ने वाला बताया.
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