मुंबई: बिहार में विधानसभा चुनावों की तारीखों का एलान हो चुका है. इस बीच शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि बिहार में चुनाव विकास और कानून व्यवस्था के मुद्दों पर लड़ा जाना चाहिए. उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि अगर मुद्दे की कमी हो मुंबई से मुद्दों को पार्सल किया जा सकता है.
संजय राउत ने कहा, “बिहार में चुनाव विकास, कानून व्यवस्था, और सुशासन के मुद्दों पर लड़ा जाना चाहिए, लेकिन अगर ये मुद्दे समाप्त हो गए हैं तो मुंबई से मुद्दों को पार्सल के रूप में भेजा जा सकता है.” शिवसेना नेता का निशाना बिहार की सत्तारूढ़ एनडीए की तरफ है जिसमें जेडीयू और बीजेपी अहम भूमिका में हैं.
इससे पहले उन्होंने चुनाव की तारीखों के एलान के बाद शुक्रवार को सवाल किया था कि क्या देश में कोरोना वायरस की महमारी के बीच बिहार में विधानसभा चुनाव कराना उचित है? उन्होंने काहा था कि महामारी की वजह से देश में ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है, जो पहले कभी नहीं थी. उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या अब कोरोना वायरस की महमारी समाप्त हो गई है? क्या चुनाव कराने के लिए स्थिति ठीक है?’’
इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि संसद से पारित कृषि विधेयकों का बिहार के चुनावों पर असर नहीं होगा, क्योंकि राज्य में केवल जाति और धर्म के आधार पर मतदान होगा. बिहार चुनाव में सुशांत सिंह राजपूत की मौत का मुद्दा बनने के सवाल पर शिवसेना सांसद ने आरोप लगाया, ‘‘सरकार के पास विकास या सुशासन के बारे में बोलने के लिए कुछ नहीं है.’’
बता दें कि बिहार में तीन चरणों में विधानसभा के चुनाव होंगे. 28 अक्टूबर को पहले चरण में 71 सीटों पर वोटिंग होगी. 3 नवंबर को दूसरे चरण में 94 सीटों पर वोटिंग होगी और सात नवंबर को तीसरे चरण में 78 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. वोटों की गिनती 10 नवंबर को होगी. बिहार में विधानसभा की कुल 243 सीटे हैं.
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