Sanjay Raut On Barsu Refinery Project: शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने शनिवार (29 अप्रैल) को आरोप लगाया कि रत्नागिरी जिले के बारसू गांव के लोगों पर पुलिस सऊदी अरब की ‘इस्लामिक’ तेल रिफाइनरी के लिए नृशंस तरीके से हमला कर रही है. उन्होंने कहा कि यह स्थिति तब है तब राज्य में ‘हिंदुत्ववादी’ सरकार है. 


राउत ने मुंबई में कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच प्रस्तावित रिफाइनरी (तेलशोधन कारखाना) को लेकर कोई समन्वय नहीं है. उन्होंने यह टिप्पणी राजपुर तहसील के बारसू और सोलगांव में परियोजना का विरोध कर रहे ग्रामीणों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस के आंसू गैस के गोले छोड़ने और शिवसेना (यूबीटी) सांसद विनायक राउत को हिरासत में लिए जाने के एक दिन बाद की है. 


'सरकार का हिंदुत्व है'
वहीं, मंगलवार को परियोजना का विरोध रहे करीब 100 लोगों को हिरासत में लिया गया था. उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना प्रदर्शनकारियों का समर्थन कर रही है. राज्यसभा सदस्य राउत ने कहा कि सरकार में कोई समन्वय नहीं है. बारसू के मामले में केवल सऊदी अरब की कंपनी (एक इस्लामिक कंपनी) और हिंदुत्ववादी सरकार में समन्वय है. इस्लामिक रिफाइनरी के लिए रत्नागिरी के मराठी मानुष, भूमिपुत्रों पर हमला किया जा रहा है. यह उनका (सरकार का) हिंदुत्व है’


राउत ने जोर देकर कहा कि बारसू के मामले में पार्टी के भीतर कोई मतभेद नहीं है. बता दें कि कि स्थानीय विधायक और शिवसेना (यूबीटी) के सदस्य रंजन साल्वी ने खुलकर प्रोजेक्ट का समर्थन किया है. 


सीएम एकनाथ शिंदे ने क्या कहा था?
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गुरुवार(27 अप्रैल) को कहा कि महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के बारसू में रिफाइनरी की योजना के संबंध में स्थानीय निवासियों की सहमति के बाद ही आगे बढ़ा जायेगा और इसे लेकर कोई जबरदस्ती नहीं की जायेगी. 


मुंबई से लगभग 400 किलोमीटर दूर रत्नागिरी में राजापुर तहसील के बारसू गांव के निवासी कई हजार करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनने वाले रिफाइनरी-पेट्रोकेमिकल परिसर की स्थापना का विरोध कर रहे हैं. निवासियों का दावा है कि यह संयंत्र तटीय क्षेत्र की पारिस्थितिकी तंत्र को नष्ट कर देगा. 


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