मुंबई: शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने अपने साप्ताहिक कॉलम में पीएम मोदी और सीएम उद्धव ठाकरे की मुलाकात के बाद लग रहे कयासों पर रूख साफ किया है. साथ ही महाराष्ट्र बीजेपी के नेताओं को आड़े हाथों लिया है.
राउत ने लिखा कि "राज्य की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री से मिले, इसमें गलत क्या है? लेकिन बाद में दोनों नेताओं के बीच फिर से हुई अलग चर्चा के कारण कई लोगों के चेहरे का रंग उड़ गया है. किसी की मध्यस्थता के बिना मोदी-ठाकरे की मुलाकात हुई, ये महत्वपूर्ण है.
वहीं राउत ने ये भी लिख की उद्धव ठाकरे की सरकार बनाते वक्त मोदी-शाह ने कोई बाधा उत्पन्न नहीं की. उन्होंने कहा, "जब महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री ठाकरे के नेतृत्व में सरकार बन रही थी, तब प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने उसमें बाधा उत्पन्न करने का कोई प्रयास नहीं किया था. इसका अर्थ महाराष्ट्र के भाजपाई नेता कभी भी समझ नहीं सके."
NCP को ढाई साल के CM पद का कोई वादा नहीं किया
संजय राउत ने कहा, 'ऐसा दावा किया जा रहा है कि ढाई साल बाद मुख्यमंत्री पद पर राष्ट्रवादी कांग्रेस की ओर से दावेदारी ठोंकी जाएगी और महाविकास अघाड़ी में विवाद की चिंगारी भड़केगी. इस विवाद से राज्य में नई राजनीतिक घटनाओं में तेजी आएगी. ऐसे दावों में कोई सच्चाई नहीं है. शिवसेना को मुख्यमंत्री पद का वचन 'पांच' साल के लिए दिया गया है. मोदी-ठाकरे की मुलाकात का नतीजा वर्तमान की बजाय भविष्य की चिंता करने वाला ही साबित होना चाहिए.'
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