'वीर सावरकर और बाला साहेब को भूली मोदी सरकार...' मुलायम सिंह यादव को पद्म विभूषण देने पर भड़के संजय राउत
Maharashtra News: संजय राउत ने स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर और शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे को भारत रत्न न दिए जाने पर केंद्र सरकार की आलोचना की.
Sanjay Raut On Mulayam Singh Yadav: गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कार पाने वालों की सूची जारी की गई. इस लिस्ट में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव का भी नाम था. उन्हें मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया जाएगा. इस पर अब राजनीति शुरू हो गई है. मोदी सरकार के इस निर्णय का कई हिंदू संगठनों ने विरोध किया है. उद्धव ठाकरे गुट के शिवसेना सांसद संजय राउत ने भी इसका कड़ा विरोध किया है.
संजय राउत ने स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर और शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे को भारत रत्न न दिए जाने पर केंद्र सरकार की आलोचना की. संजय राउत ने मुलायम सिंह यादव को बड़ा नेता बताया, लेकिन उन्हें कारसेवकों का हत्यारा बताते हुए उनको पद्म विभूषण दिए जाने का विरोध किया. राउत ने इस मुद्दे पर बीजेपी और शिंदे गुट पर भी निशाना साधा.
उद्धव गुट ने निकाला आक्रोश मार्च
उद्धव ठाकरे के गुट ने इस मामले को लेकर एक आक्रोश मार्च निकाला. संजय राउत ने आक्रोश मार्च को सफल बताया. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "आक्रोश मार्च ने साबित कर दिया कि शिवसेना और शिवसेना भवन ही हिंदुओं का एकमात्र आशा स्थान है. 8 वर्षों तक शक्तिमान हिंदू नेताओं के राज के बावजूद हिंदुओं को आक्रोश करना पड़ रहा है, यह किसकी असफलता है? कारसेवकों की हत्या करवाने वाले मौ. मुलायम सिंह को पद्म विभूषण! हिंदू आक्रोश करेंगे ही!"
'सावरकर-बाला साहेब' को भूली सरकार
राउत ने कहा, "कारसेवकों पर गोली चलवाने वाले मुलायम सिंह यादव जिन्हें बीजेपी 'मौलाना मुलायम' कहती थी, को पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया. हालांकि, यह पुरस्कार दो हिंदू-हृदय सम्राटों वीर सावरकर और शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे को नहीं दिया गया." उन्होंने कहा, "गणतंत्र दिवस पर कइयों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है. इनमें से कई नाम संघ परिवार से जुड़े हैं. निस्संदेह इसमें आपत्ति करने का कोई कारण नहीं है."
कारसेवकों का हत्यारा बताया
आरएसएस नेताओं को पद्म विभूषण देने का संजय राउत का समर्थन किया. उन्होंने कहा, "सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाले भीकूजी इदाते और रमेश पतंगे काबिले तारीफ हैं." राउत ने कहा, "जब अयोध्या का आंदोलन चल रहा था तो उन्होंने कारसेवकों पर गोलियां चलाने का आदेश दिया था. उन्होंने कहा था कि और कारसेवकों को गोली मारनी होती तो भी पीछे नहीं हटता और बाबरी मस्जिद की रक्षा करता. उसके बाद भी उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया."
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