Sanjay Raut On BJP Win: पिछले महीने पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव 2023 के नतीजे आ चुके हैं. इनमें से हिंदी पट्टी के तीन राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बंपर जीत हासिल की और कांग्रेस ने तेलंगाना में अपनी दम दिखाई. इसको लेकर इंडिया गठबंधन के नेताओं की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. इसी क्रम में शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने टिप्पणी की है.


उन्होंने बीजेपी की इस जीत पर तंज कसते हुए कहा, “जब बीजेपी को कोई जीत मिलती है तो मोदी जी की जीत कहते हैं. हम भी कहेंगे मोदी जी हैं तो बीजेपी है नहीं तो क्या है आज की बीजेपी. मोदी माइनस बीजेपी क्या है? किसी को छोड़ा ही नहीं है.”


तेलंगाना में कांग्रेस की जीत पर संजय राउत


राज्यसभा सांसद ने कहा, “तेलंगाना का निर्णय भी देखने लायक है, वहां भी मोदी जी गए थे. अमित शाह और जेपी नड्डा गए थे और बीजेपी ने डेरा डाला था लेकिन वहां उन्हें 10 से भी ज्यादा सीट नहीं मिलीं. राहुल गांधी ने जो प्रचार किया इसलिए उनकी पार्टी जीती है. रिजल्ट के बाद इंडिया गठबंधन मजबूत हुआ है. इस पर कोई असर नहीं पड़ा है.” उन्होंने आगे कहा कि 6 दिसंबर को इंडिया गठबंधन की महत्वपूर्ण बैठ होगी. शिवसेना की तरफ से उद्धव ठाकरे उस बैठक में शामिल होंगे.


‘ईवीएम की जगह बेलेट पेपर पर चुनाव कराएं’


ईवीएम को लेकर संजय राउत ने कहा, “मेरी चुनौती है एक चुनाव बेलेट पेपर पर लेकर दिखाएं, विधानसभा या लोकसभा का. डरते क्यों हैं, मोदी जी का तो मैजिक है न. लेकिन इस देश में कुछ भी मैनेज हो सकता है, इस देश में राज्यपाल, कोर्ट, इलेक्शन कमिशन मैनेज हो रहा है तो ईवीएम क्यों मैनेज नहीं होगा.”


एकनाथ शिंदे और अजित पवार पर इस तरह साधा निशाना


एकनाथ शिंदे और अजित पवार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “अब महाराष्ट्र में क्या होगा. शिवसेना के साथ जो 2014 में हुआ था. जब मोदी जी की लहर आई थी तो शिवसेना के साथ गठबंधन तोड़ दिया. अब वापस एक लहर दिख रही है. ऐसे में मुझे चिंता है कि सरकार में जो बीजेपी के साथ बैठे हैं चाहे बेईमान लोगों का गुट हो या एनसीपी का उनका क्या होगा कालिया?”


इंडिया गठबंधन पर क्या बोले संजय राउत?


शिवसेना (यूबीटी) सांसद ने कहा, “हम लोकतंत्र मानने वाले लोग हैं. हम चाहते हैं कि लोकतंत्र जिंदा रहे जिसका एक ही तरीका है चुनाव. इंडिया अलायन्स में 5 राज्यों के चुनाव को लेकर कुछ गिले शिकवे जरूर हैं, खासकर जब बड़ी पार्टी होती है राज्य में कांग्रेस जैसी, उन्होंने छोटी-छोटी पार्टी को अपने विश्वास में नहीं लिया, अगर आपको यह गठबंधन आगे लेकर जाना है तो पार्टी बड़ी हो या छोटी सबको साथ लेकर चले जाते तो शायद मैं यही नहीं कहूंगा पूरा निर्णय बदल जाता लेकिन जरूर कोई अच्छा फायदा हो सकता था.”


उन्होंने आगे कहा, “इंडिया गठबंधन के पार्टनर के साथ चर्चा तो होनी चाहिए ऐसे चलता है क्या? ऐसा नही होता. हम इंडिया अल्यांस में है आप बड़ी पार्टी है आपके राज्य में अगर 2 से 4 जिलों में किसी को ताकत है तो उनसे बात करनी चाहिए. महाराष्ट्र में हम भी बात करते है कांग्रेस से. अखिलेश को लेकर कमलनाथ जी ने जो कहा ऐसे चलता है क्या?  जब किसी का प्रभाव है गठबंधन को मानना चाहिए न. लेकिन कांग्रेस को लेकर हमारे जो रिश्ते हैं वैसे ही रहेंगे बातचीत चल रही है राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर और सब मिलकर हम सब राज्य की सीट शेयरिंग मिलकर करेंगे.”


ये भी पढ़ें: शिवराज ने कमलनाथ ही नहीं राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को भी हरा दिया!