Exclusive: 'मेरी गिरफ्तारी भी होती है तो भी पार्टी नहीं टूटेगी', abp से बातचीत में बोले संजय राउत
Sanjay Raut News: शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि पार्टी को तोड़ने की कोशिश की जा रही है. कुछ लोग भ्रम में हैं, लेकिन मैं उनको बता दूं कि मेरी गिरफ्तारी भी होती है तो भी पार्टी नहीं टूटेगी.
Sanjay Raut News: शिवसेना सांसद संजय राउत ने एबीपी न्यूज़ से कई मुद्दों पर बात की. उन्होंने ईडी (ED) की जांच को लेकर कहा कि ये भी राजनीति है. पार्टी का संघर्ष चल रहा है, जो मेरे पीछे जांच लगाई गई है वो पार्टी के संघर्ष की वजह से है. ये चाहते हैं कि मैं पार्टी के साथ ना रहूं. कल तक जो हमारे साथ थे, खाते-पीते थे, वो तो भाग गए. सब एजेंसी के डर से भागे हैं. पार्टी को तोड़ने की कोशिश की जा रही है. कुछ लोग भ्रम में हैं, लेकिन मैं उनको बता दूं कि मेरी गिरफ्तारी भी होती है तो भी पार्टी नहीं टूटेगी. हमारी पार्टी और मजबूत होगी. पूरा महाराष्ट्र (Maharashtra) ये खेल देख रहा है.
गिरफ्तारी की आशंका पर उन्होंने कहा कि मेरा कोई केस ही नहीं है, लेकिन अगर कोई चाहता है तो आप क्या ही कर सकते हो? मुझे जब भी ईडी के द्वारा बुलाया जाएगा मैं जाऊंगा और उनके सवालों के जवाब भी दूंगा. मैं एजेंसी का सम्मान करता हूं इसलिए दो बार पेश होकर आया हूं, फिर से बुलाया जाएगा तो फिर जाऊंगा.
मेरे खिलाफ कोई मामला ही नहीं है- राउत
चर्चा है कि आप ईडी के सवालों के जवाब नहीं दे रहे इस पर संजय राउत ने कहा कि मेरा पात्रा चॉल से कोई लेना देना ही नहीं है. पात्रा चॉल घोटाले से मेरा कोई संबंध नहीं है. प्रवीण राउत को जानता हूं, देश में कई व्यापारी मेरे मित्र हैं. प्रवीण राउत ने मेरी पत्नी को 55 लाख रुपये दिए थे, वो 13 साल पुरानी बात है. इसका पात्रा चॉल से कोई संबंध नहीं है. मेरे खिलाफ कोई मामला ही नहीं है, कोई केस लगाना ही चाहता है तो लगा ले. हम भागने वाले नहीं है.
'वक्त आने पर जनता जवाब देगी'
उन्होंने कहा कि लोग सब जानते हैं, जनता अभी कुछ बोल नहीं रही, लेकिन उसका ये मतलब नहीं कि लोग सोच नहीं रहे. वक्त आने पर जनता जवाब देगी. सत्ता हर किसी को कभी ना कभी छोड़नी ही पड़ती है, चाहे कोई कितना ही बड़ा नेता क्यों न हो. बीजेपी से हमारी कोई निजी दुश्मनी नहीं है. जब कोई चुनाव जीतता है तो हम उनका स्वागत करते हैं. बीजेपी के पास बहुमत नहीं था. 40 वालों को सीएम बना दिया, लेकिन 2019 के वादे के मुताबिक हमें सीएम पद नहीं दिया था. हम ढाई साल मांग रहे थे, लेकिन आपने नहीं दिए. दिल्ली, महाराष्ट्र, यूपी हर जगह आपको चाहिए तो फिर क्षेत्रीय पार्टी क्या करे?
'एकनाथ शिंदे को सीएम बनाते'
,संजय राउत ने कहा कि बीजेपी से ढाई-ढाई साल के सीएम का करार हुआ था. हमारे पास उस वक्त एक ही नाम था एकनाथ शिंदे का क्योंकि उद्धव ठाकरे सीएम नहीं बनना चाहते थे. सीएम पार्टी को ही तय करना था और शिंदे को ही हमने विधायक दल का नेता चुना था. बीजेपी उस वक्त हमसे बात करने को तैयार नहीं थी. हमें शिवसेना का अस्तित्व बचाना था तो हमने गठबंधन की सरकार बनाई. संगठन हमारे साथ ही रहेगा. हम ही असली शिवसेना हैं. ये डुप्लीकेट शिवसेना के साथ कोई संगठन नहीं है. डुप्लीकेट शिवसेना बन ही नहीं सकती. पार्टी रहेगी और पार्टी फिर से ऊपर जाएगी. शिवसेना को 56 साल हो गए हैं. शिवसेना ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, पार्टी ऐसी ही आगे बढ़ती रहेगी. गांव-गांव में पार्टी के कार्यकर्ता हैं.
क्या फिर से एकनाथ शिंदे के साथ जाएंगे?
एकनाथ शिंदे अगर उद्धव ठाकरे को अपना नेता मान लें तो क्या दोनों गुट फिर से साथ आ सकते हैं. इस पर संजय राउत ने कहा कि उनके साथ मामला खत्म हो गया है. हमने बहुत कोशिश की थी. अब वे जिस खेमे में है वहां एकनाथ शिंदे खुद फैसले नहीं ले सकते. शिवसेना छोड़ने वाले ज्यादातर नेताओं ने आरोप लगाया कि संजय राउत ने पार्टी को बर्बाद कर दिया है. इस पर उन्होंने कहा कि मैं पार्टी का मालिक नहीं हूं, मैं पार्टी का नेता हूं और हमेशा पार्टी के साथ रहा हूं. मैं केवल संगठन का काम करता हूं.
महाविकास अघाड़ी के साथ लड़ेंगे चुनाव
उन्होंने कहा कि आज भी महाविकास अघाड़ी (MVA) है और आगे भी रहेगी. हम चुनाव में भी एक साथ जाएंगे. बागी गुट कोई पार्टी नहीं है. मेरा एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) को चैलेंज है कि अपनी पार्टी बनाकर चुनाव लड़िए. उन्होंने कहा कि शपथ लेने के एक महीने बाद भी कैबिनेट नहीं बना पाए हैं. ये सरकार चलेगी ही नहीं. जो विधायक उनके साथ गए वो पद के लिए गए हैं, वे शिंदे के साथ नहीं हैं. विधायकों की अयोग्यता पर तलवार लटकी है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का फैसला हमारे पक्ष में आएगा. देवेंद्र फडणवीस के साथ हमारी हमदर्दी है. उनको सीएम बनाना चाहिए थे. देवेंद्र फडणवीस हमारे दोस्त है, जब उन्हें डिप्टी सीएम बनाया तब हम भी दुखी थे.
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