नई दिल्लीः कृषि विधेयकों के विरोध में शिरोमणि अकाली दल ने NDA से अलग होने का फैसला किया है. इसके बाद से ही NDA को लेकर काफी सवाल उठ रहे हैं. वहीं हाल ही में राज्यसभा सांसद और शिवसेना नेता संजय राउत ने NDA पर तीखी टिप्पणी की है. उनका कहना है कि जिस गठबंधन में शिवसेना और अकाली दल नहीं हैं, उसे NDA नहीं मानता हूं.
दरअसल मोदी सरकार द्वारा लाए गए कृषि विधेयकों के विरोध में पंजाब और हरियाणा के किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं कांग्रेस पार्टी ने भी किसानों के मुद्दे पर देशव्यापी प्रदर्शन की बात कही थी. हाल ही में शिरोमणि अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कृषि विधेयकों के विरोध में NDA से अलग होने की बात कही है. जिसके बाद से ही NDA पर सवाल उठ रहे हैं.
राज्यसभा सांसद और शिवसेना नेता संजय राउत का कहना है कि 'शिवसेना और अकाली दल NDA के मजबूत स्तंभ थे. शिवसेना को मजबूरन NDA से बाहर निकलना पड़ा था, अब अकाली दल निकल गया है. NDA को अब नए साथी मिल गए हैं, मैं उनको शुभकामनाएं देता हूं. लोकिन जिस गठबंधन में शिवसेना और अकाली दल नहीं हैं, मैं उसको NDA नहीं मानता हूं.'
वहीं हाल ही में देवेंद्र फडणवीस के साथ शिवसेना नेता संजय राउत की हुई मुलाकात के बाद कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थी. जिसके बाद संजय राउत ने इस पर अपनी सफाई दी है. संजय राउत ने अपनी मुलाकात को गैर राजनीतिक बताते हुए कहा कि वह सामना में इंटरव्यू के लिए देवेंद्र फडणवीस से मिले थे. उनका कहना है कि देवेंद्र फडणवीस बीजेपी की ओर से बिहार में चुनाव प्रचार का काम देख रहे हैं. इसी सिलसिले में उन्होंने फडणवीस से मुलाकात की थी. संजय का कहना है कि सीएम उद्धव ठाकरे को इस मुलाकात के बारे में पहले से पता था.
बता दें कि कृषि विधेयकों के विरोध में शिरोमणि अकाली दल ने NDA से अलग होने पर हाल ही में कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने अकाली दल के NDA से अलग होने पर कहा, ‘‘काले कानून के समर्थक अकाली दल को राजग छोड़ना पड़ा और मोदी सरकार से संबंध तोड़ने पड़े.’’ उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें (अकाली दल) किसानों-श्रमिकों की चौखट पर झुकना पड़ा.’’
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