New Parliament Inauguration: नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम को लेकर चल रहा सियासी घमासान बढ़ता ही जा रहा है. शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने बुधवार (24 मई) को कहा कि सभी विपक्षी पार्टियों ने नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार करने का फैसला किया है. 28 मई को होने वाले इस कार्यक्रम का हम भी बहिष्कार करेंगे.


संजय राउत ने कहा कि सबसे पहले हमने ही सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर सवाल खड़े किए थे. हमने कहा था कि जब देश की आर्थिक स्थिति खराब है तो देश को ऐसे प्रोजेक्ट की जरूरत नहीं थी. 


'पीएम मोदी की इच्छा पूरी करने के लिए बना'


उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट को सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इच्छा के लिए बनाया गया. उन्होंने कहा कि आज का संसद भवन अभी भी 100 साल तक चल सकता है. संजय राउत ने कहा कि यह (पुराना) संसद भवन ऐतिहासिक है और इस संसद भवन से आरएसएस और बीजेपी का कोई रिश्ता नहीं है.


राउत ने कहा कि यह खर्चा सिर्फ शिला पर 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन किया गया' लिखाए जाने के लिए हो रहा है. उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि संविधान के अभिरक्षक राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं किया जा रहा है.


राउत ने बताई बहिष्कार की वजह


उन्होंने कहा कि उद्घाटन के लिए राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं किया गया, इसी लिए देश के विपक्षी दलों ने उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि द्रौपदी मुर्मू को आदिवासी महिला के नाम पर राष्ट्रपति बनाया, लेकिन उनको राष्ट्रपति भवन से बाहर तक नहीं आने दिया जाता है.


'केजरीवाल से होगी उद्धव ठाकरे की मुलाकात'


उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बुधवार को उद्धव ठाकरे से मिलने मातोश्री पर आ रहे हैं. जो अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के खिलाफ केंद्र सरकार लाई है उस बारे में मिलना चाहते हैं. अगर अध्यादेश राज्यसभा में आता है तो उस अध्यादेश के खिलाफ माहौल बना रहे हैं. हम उनके साथ रहेंगे.


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