Sharad Pawar News: शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेता संजय राउत ने एनसीपी सुप्रीमो की आत्मकथा में महाराष्ट्र के पूर्व सीएम की आलोचना को गलत जानकारी बताया है. संजय राउत ने दावा किया कि किताबें दो दिन पढ़ी जाती हैं और इसके बाद लाइब्रेरी में रख दी जाती हैं. शिवसेना नेता ने गुरुवार (4 मई) को कहा कि उद्धव ठाकरे जल्द ही किताब में अपने बारे में लिखी गई चीजों के बारे में जवाब देंगे.
शरद पवार की आत्मकथा 'लोक माझे सांगाती' के नए संस्करण में 2015 के बाद की सियासी घटनाओं को भी जोड़ा गया है. इस आत्मकथा में शरद पवार ने लिखा है कि मुख्यमंत्री रहते हुए उद्धव ठाकरे का सिर्फ दो बार मंत्रालय जाना हमें ज्यादा रास नहीं आया. बाला साहब ठाकरे के साथ बातचीत के दौरान जो सहजता रहती थी, वैसी सहजता उद्धव के साथ बातचीत के दौरान नहीं थी.
केंद्र सरकार ने जारी किए थे वर्क फ्रॉम होम के निर्देश
संजय राउत ने कहा कि ये गलत जानकारी है. वह (उद्धव ठाकरे) लगातार ऑफिस जा रहे थे. कोरोना महामारी के दौरान उनके मंत्रालय जाने के दौरों में कमी आई थी, क्योंकि केंद्र सरकार ने घर से ही काम करने के निर्देश जारी किए थे. उन्होंने महाराष्ट्र के पूर्व सीएम का बचाव करते हुए ये भी कहा कि महामारी के दौरान प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री और अन्य मुख्यमंत्री भी ऑफिस नहीं जा रहे थे.
शिवसेना में बगावत के लिए पवार ने उद्धव को ठहराया जिम्मेदार
शरद पवार ने अपनी आत्मकथा में शिवसेना में हुई बगावत को न रोक पाने के लिए उद्धव ठाकरे को जिम्मेदार बताया था. आत्मकथा में लिखा गया है कि उद्धव ने हालातों से लड़े बिना ही हथियार डाल दिए थे. राजनीति में सत्ता बरकरार रखने के लिए तेजी से हरकत करनी पड़ती है, लेकिन महाविकास आघाड़ी सरकार गिरने से पहले पैदा हुए घटनाक्रमों के पहले पड़ाव में ही उद्धव ने हार मान ली.
'ठाकरे में नहीं थी राजनीतिक चतुरता'
बीते साल जून में एकनाथ शिंदे गुट के शिवसेना से बगावत करने के बाद महा विकास आघाड़ी सरकार खतरे में आ गई थी. जिसके बाद उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा दे दिया था. इस घटनाक्रम के बाद बीजेपी के साथ गठबंधन कर एकनाथ शिंदे सीएम बन गए थे. पवार ने आत्मकथा में लिखा है कि राज्य के प्रमुख में कल क्या होगा इसका अंदाज लगाने की क्षमता होनी चाहिए और उसके मुताबिक आज क्या कदम उठाने हैं, यह तय करने की राजनीतिक चतुरता होनी चाहिए, लेकिन इन सब मामलों में हमें कमी महसूस हो रही थी.
इस मामले पर बोलते हुए संजय राउत ने कहा कि मैंने किताब नहीं पढ़ी है. मैं पढ़ूंगा. लोग दो दिन किताब पढ़ते हैं और फिर ये लाइब्रेरी में चली जाती है. इसे जाने दीजिए. उद्धव ठाकरे जल्द ही इस मामले पर एक इंटरव्यू देने जा रहे हैं. उनके बारे में क्या लिखा गया है, वह ही उसके बारे में कहेंगे.
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