नई दिल्लीः नागरिकता संशोधन बिल राज्यसभा में भी पास हो गया. बिल पास होने के बाद शिवसेना नेता संजय राउत ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत की. इस दौरान राउत ने राजयसभा में आपने वॉक आउट की वजह बताई. संजय राउत ने कहा कि लोकसभा में शिवसेना ने इसका समर्थन के साथ-साथ कुछ शर्त भी रखा था. संजय राउत ने कहा कि हमारी पार्टी ने जो शर्त रखी थी कि शरणार्थियों को 25 साल तक वोटिंग का अधिकार नहीं दिया जाए. श्रीलंका के तमिल हिंदुओं को भी इसमें शामिल किया जाए.


संजय राउत ने कहा वो शर्णार्थियों के विरोध में नहीं हैं, उनको अच्छे से पता है के पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए शरणार्थियों पर काफी जुल्म किया गया है. जबरदस्ती उनका धर्म परिवर्तन करवाया गया है.


उन्होंने कहा कि शिवसेना ने अपनी भूमिका सरकार के सामने साफ कर दी. संजय राउत ने कहा कि उन्होंने ये बात उठाई की हिंदुओं पर अत्याचार बहुत होते हैं. मगर मोदी जी और शाह जी के हाथों में हिंदुस्तान इतना मजबूत हुआ है तो पीओके को वापस भारत में शामिल कर लें.


संजय राउत ने कहा कि प्रधानमंत्री ये भी कहते हैं कि जो भी इस बिल का विरोध करेगा वो पाकिस्तान की भाषा बोल रहा है तो इसका एक ही चारा बचता है के पाकिस्तान को भारत सरकार खत्म कर दे.


उन्होंने कहा कि शरणार्थियों को बिलकुल आश्रय मिलना चाहिए बस वोटिंग का अधिकार नहीं मिलना चाहिए. लेकिन, सरकार ने हमें कोई जवाब नहीं दिया इस लिए ना हमने इस बिल का समर्थन किया ना विरोध किया बस वॉक आउट किया.


बीजेपी के नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि राष्ट्रवाद और हिंदुत्व शिव सेना को सिखाने की जरूरत नहीं है. हमने पुरे देश को राष्ट्रवाद सिखाया है. कांग्रेस-एनसीपी के साथ गठबंधन को लेकर उन्होंने कहा कि हम एक आजाद पार्टी हैं जिसकी खुद की विचारधारा है हमने हमेशा राष्ट्रहित की बात की है.


शिवसेना सासंद ने कहा कि हमारी पार्टी जब बीजेपी के साथ थी तब भी हमने कई चीजों का विरोध किया जैसे नोटबंदी और जीएसटी. हम हमेशा देश हित के लिए काम करतें हैं.


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