मुंबई: महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शनिवार को देवेंद्र फडणवीस को सरकार बनाने का न्योता दिया. राज्यपाल ने बीजेपी को बहुमत साबित करने के लिए सोमवार रात आठ बजे तक का वक्त दिया है. इस बीच लगातार शिवसेना का बीजेपी पर हमला जारी है. आज भी शिवलेना नेता संजय राउत ने इशारों में बीजेपी पर हमला बोला है. राउत ने एक शेर के जरिए बीजेपी को निशाने पर लिया.


संजय राउत ने ट्विटर पर लिखा, ''जो खानदानी रईस हैं वो मिजाज रखते हैं नर्म अपना, तुम्हारा लहजा बता रहा है तुम्हारी दौलत नई-नई है.'' बता दें कि ये यूपी के कानपुर की मशहूर शायरा शबीना अदीब की ग़जल का शेर है. संजय राउत ने इससे पहले वसीम बरेली के जरिए बीजेपी पर हमला किया था. उन्होंने एक फोटो शेयर की जिसमें लिखा था, ''वो झूठ बोल रहा था बड़े सलीके से, मैं आतबार ना करता तो क्या करता?''





शिवसेना अपने मुखपत्र सामना के जरिए लगातार बीजेपी पर दबाव बना रही है. शिवसेना का कहना है कि हम सिर्फ वही मांग रहे हैं जो चुनाव से पहले तय हुआ था. शिवसेना 50-50 के फॉर्मूले पर अड़ी हुई है वहीं बीजेपी का कहना है कि मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई चर्चा नहीं होगी.


शिवसेना ने दिए एनसीपी-कांग्रेस के साथ सरकार बनाने के संकेत
शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने के संकेत दिए हैं. शिवसेना ने सामना के लेख में लिखा है की महाराष्ट्र की राजनीति महाराष्ट्र में ही हो. महाराष्ट्र दिल्ली का गुलाम नहीं है. इतना ही नहीं शिवसेना ने सामना में भाजपा की तुलना हिटलर से कर दी है. शिवसेना ने कहा है पांच साल औरों को डर दिखाकर शासन करनेवाली टोली आज खुद खौफजदा है. ये उल्टा हमला हुआ है. शिवसेना ने आगे लिखा कि जब डराकर भी रास्ता और समर्थन नहीं मिलता, तब एक बात स्वीकार करनी चाहिए कि हिटलर मर गया है और गुलामी की छाया हट गई है. पुलिस और अन्य जांच एजेंसियों को इसके आगे तो बेखौफ होकर काम करना चाहिए. इस परिणाम का यही अर्थ है.


बता दें कि 24 अक्टूबर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आए थे. बीजेपी 105 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. जबकि उसके साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही शिवसेना 56 सीटें जीतकर दूसरे नंबर की पार्टी बनी थी. एनसीपी 54 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल कर तीसरे नंबर पर रही थी और 44 विधानसभा सीटें जीतकर कांग्रेस चौथे स्थान पर रही थी.


शिवसेना ने लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के साथ तय हुए 50-50 के फार्मूले के आधार पर ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री का दावा ठोक दिया था. शिवसेना का मुख्यमंत्री पहले ढाई साल के लिए बने, इस जिद पर शिवसेना अड़ गई थी. हालांकि बीजेपी नेताओं ने यह साफ कर दिया था कि 50-50 का जो फार्मूला तय हुआ था उससे मुख्यमंत्री का पद बाहर था.