पत्नी को ED से समन मिलने पर संजय राउत का ट्वीट- आ देखें जरा किसमें कितना है दम
पीएमसी बैंक घोटाले के जांच के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत को समन जारी किया है. उन्हें 29 दिसंबर को पूछताछ के बुलाया गया है. साल 2019 में आरबीआई को पीएमसी घोटाला के बारे में पता चला था.
मुंबई: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत को समन भेजकर 29 दिसंबर को पूछताछ के लिए बुलाया है. ये नोटिस पीएमसी बैंक घोटाले मामले की जांच से जुड़ा हुआ है. एनसीपी ने इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताते हुए केंद्र की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है. इस बीच संजय राउत ने ट्वीट किया है.
अपने ट्वीट में संजय राउत ने लिखा, “आ देखें जरा किसमें कितना है दम, जमके रखना कदम मेरे साथिया.” उनके इस ट्वीट को ईडी के समन से जोड़कर देखा जा रहा है. संजय राउत लगातार बीजेपी पर निशाना साधते साधते रहे हैं. इन दिनों नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन का भी उन्होंने समर्थन किया और केंद्र के फैसले पर सवाल खड़ा किया.
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) December 27, 2020
हालांकि, जब ईडी के समन को लेकर एबीपी न्यूज़ ने संजय राउत से प्रतिक्रिया मांगी तो उन्होंने फोन पर कहा, “मुझे फिलहाल इस बारे में कुछ नहीं पता है. जैसे ही कोई जानकारी मिलेगी मैं प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताऊंगा.”
क्या है पीएमसी घोटाला?
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) को साल 2019 में पीएमसी बैंक घोटाले का पता चला था. नकली बैंक खाते के जरिए 6500 करोड़ रुपये का लोन दिया जा रहा था. रिजर्व बैंक ने पैसे निकालने पर रोक लगा दी थी. आरबीआई ने इसे धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश का मामला दायर किया. ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले और जालसाजी के एक मामले की जांच कर रही है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, कुछ दिनों पहले ईडी ने संजय राउत के करीबी प्रवीण राउत को गिरफ्तार किया था. प्रवीण राउत की पत्नी के खाते से वर्षा राउत के अकाउंट में कुछ ट्रांजेक्शन हुए. ईडी इसी ट्रांजेक्शन में बारे में जानकारी चाहती है. आरोप है की संजय राउत की पत्नी के अकाउंट में 55 लाख रुपये प्रवीण राउत की पत्नी के अकाउंट से आए थे.
ईडी का समन राजनीति से प्रेरित- एनसीपी
एनसीपी ने संजय राउत के समर्थन में उतर गई है. एनसीपी के सीनियर नेता नवाब मलिक ने कहा कि ये कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है. उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष के नेताओं को डराने के लिए ईडी का नोटिस भेजा जाता है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के कई नेताओं को नोटिस भेजा गया. उन्होंने कहा कि राजनीतिक द्वेष के चलते भय फैलाने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल हो रहा है.