मुंबई: अभिनेत्री कंगना रनौत के मुंबई को लेकर पीओके वाले बयान से पूरे मुंबई और महाराष्ट्र में बवाल मचा हुआ है. शिवसेना और शिवसैनिक जहां कंगना रनौत को आड़े हाथों ले रहे हैं पुतले जला रहे हैं, वहीं अब इस पर राजनीतिक पार्टियों ने भी अपना रोटी सेकना शुरू कर दिया है.


शिवसेना नेता संजय राउत ने अपने एक बयान में कहा कि अगर कंगना की सुरक्षा मुंबई पुलिस नहीं कर सकती तो उन्हें मुंबई नहीं आना चाहिए वह हिमाचल में ही रहें. इस पर कंगना ने बयान जारी किया है कि वह 9 सितंबर को मुंबई आ रही हैं और अगर किसी में दम है तो उन्हें रोक के दिखाए.


शिवसेना और कंगना के वाक युद्ध में अब और भी राजनीतिक पार्टियां कूदती नजर आ रही हैं. कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने संजय राउत पर बयान बाजी करते हुए कहा कि जिस प्रकार संजय रावत एक महिला के लिए जिन शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं वह उनकी नीचता है उन्हें और शिवसैनिकों को ऐसा नहीं करना चाहिए.


शिव सैनिकों का इस तरह से व्यवहार महाराष्ट्र का अपमान है. महाराष्ट्र सरकार में बैठे लोगों को इसकी निंदा करनी चाहिए. अब लोगों की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि अगर 9 सितंबर को कंगना रनौत मुंबई आती हैं तो क्या शिवसैनिक उसका पुरजोर विरोध करेंगे? क्योंकि शिवसेना नेता संजय राउत पहले ही कह चुके हैं कि शिवसेना ने कंगना के खिलाफ अपने गुस्से पर संयम रखा है. कंगना को अपने बयान पर माफी मांगनी चाहिए.


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