Bansuri Swaraj News: दिल्ली शराब नीति मामले में आम आदमी पार्टी (आप) नेता संजय सिंह को छह महीने बाद मंगलवार (2 अप्रैल) को जमानत मिल गई. वहीं, संजय सिंह से जुड़े मामले के दस्तावेजों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के वकीलों के नाम में बीजेपी नेता और पार्टी की नई दिल्ली लोकसभा सीट से उम्मीदवार बांसुरी स्वराज का भी नाम शामिल रहा. इसे लेकर आप नेता सौरभ भारद्वाज ने सवाल उठाया है कि बांसुरी का नाम वकीलों की लिस्ट में क्यों है.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वकीलों के नामों की लिस्ट शेयर करते हुए दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि बीजेपी और ईडी एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं. उन्होंने ट्वीट कर कहा, "संजय सिंह जी के मामले में ईडी की तरफ से वकीलों में बीजेपी की प्रत्याशी और इनकी प्रवक्ता बांसुरी स्वराज का नाम है. मैंने कल ही कहा था बीजेपी और ईडी एक ही बात है." हालांकि, फिर ईडी के ही वकील ने इस मामले पर स्पष्टीकरण दिया है.
लोकसभा प्रत्याशी बनते ही बांसुरी स्वराज ने नाम लिया था वापस
ईडी के वकील जोहेब हसन ने जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच का ध्यान इस ओर दिलाया की बांसुरी का नाम गलती से वकीलों की लिस्ट में लिखा हुआ है. कोर्ट ने अनजाने में हुई इस गलती को सुधार कर आदेश दोबारा अपलोड करने की बात कही है. बांसुरी स्वराज केंद्र सरकार के पैनल में वकील थीं. सूत्रों ने बताया कि, जब बीजेपी ने उन्हें लोकसभा उम्मीदवार बनाया तो उन्होंने पैनल से अपना नाम 7 मार्च को वापस ले लिया था. इसे केंद्र सरकार से 15 मार्च को मंजूरी भी मिल गई थी.
सुनवाई के दौरान पेश नहीं हुईं बांसुरी स्वराज
सूत्रों ने आगे बताया कि कोर्ट में पुराने वकीलों के नाम चले आ रहे थे. इसी वजह से उनका नाम वकीलों की लिस्ट में रख दिया गया है. हालांकि अब केंद्र सरकार के वकीलों की तरफ से कोर्ट में जानकारी दे दी गई है. कोर्ट के आदेश में रेक्टिफिकेशन भी हो रहा है और अपलोड किए जाने वाले नए आदेश में उनका नाम नहीं होगा. पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज जांच एजेंसी तरफ से संजय सिंह की याचिका पर सुनवाई के दौरान पेश नहीं हुई थीं.
ईडी के वकीलों में किसका नाम शामिल?
सौरभ भारद्वाज के जरिए जो दस्तावेज शेयर किए गए हैं, उसमें ईडी वकील के रूप में बांसुरी स्वराज के साथ-साथ सूर्यप्रकाश वी राजू, मुकेह कुमार मरोरिया, जोहेब हसन, अन्नम वेंकटेश, कानू अग्रवाल और अर्कज कुमार के नाम शामिल थे. आम आदमी पार्टी लंबे समय से जांच एजेंसी पर आरोप लगाती रही है कि वह सरकार के लिए काम कर रही है. ऐसे में बांसुरी का नाम दस्तावेज में देखने के बाद नया विवाद पैदा हो गया.
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