गिरफ्तारी और ED की हिरासत को दिल्ली हाईकोर्ट में संजय सिंह ने किया चैलेंज, आज होगी सुनवाई
Sanjay Singh : दिल्ली की शराब नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख़ किया है.
Delhi Liquor Case: दिल्ली के चर्चित शराब नीति भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें गिरफ्तार किया था जिसके बाद से ट्रायल कोर्ट ने उन्हें ईडी हिरासत में भेजा है. अब शुक्रवार (13 अक्टूबर) को अपने अधिवक्ता के जरिए उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में गिरफ्तारी और हिरासत के खिलाफ याचिका दाखिल की है, जिस पर आज ही सुनवाई हो सकती है.
दिल्ली की शराब नीति में घोटाले के मामले में गिरफ्तार आप सांसद संजय सिंह ने दिल्ली आप नेता संजय सिंह को 2021-22 दिल्ली शराब नीति मामले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 4 अक्टूबर को राष्ट्रीय राजधानी में उनके आवास पर तलाशी और लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था. बाद में दिल्ली की ट्रायल कोर्ट ने संजय सिंह की ईडी हिरासत शुक्रवार, 13 अक्टूबर तक बढ़ा दी.
संजय सिंह पर है 3 करोड़ रुपये लेने का आरोप
संजय सिंह की गिरफ्तारी के बाद ईडी ने दावा किया है कि उन्होंने दो किस्तों में 3 करोड़ रुपये लिए. केंद्रीय एजेंसी का दावा है कि इस मामले में कारोबारी दिनेश अरोड़ा ने पूछताछ में संजय सिंह की संलिप्तता उजागर की थी और रुपये मिलने की पुष्टि भी सिंह से की थी.
अरोड़ा ने ईडी को दिए अपने बयान में बताया है कि शुरुआत में वह संजय सिंह से मिले थे. फिर उन्हीं के जरिए बाद में वह मनीष सिसोदिया (दिल्ली के उपमुख्यमंत्री, फ़िलहाल जेल में हैं) से मिले थे.
शराब घोटाला मामले में घिरी आम आदमी पार्टी
आपको बता दें कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार चर्चित शराब घोटाला मामले में चौतरफा घिरती नजर आ रही है. राज्य की सरकार ने साल 2020 में नई शराब नीति का प्रस्ताव रखा था. फिर अगले साल 17 नवंबर 2021 को यह नई नीति लागू कर दी गई. आरोप है कि इसके जरिए पार्टी के करीबी शराब कारोबारियों को नियमों के विपरीत सरकारी ठेके देकर बड़ी राशि की वसूली की गई. इससे दिल्ली सरकार को भारी वित्तीय नुकसान हुआ था.
सूबे में मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी का आरोप है कि आप सरकार ने कमीशन के बदले अपने लोगों को फायदा पहुंचा रही थी. बाद में 30 जुलाई 2022 को दिल्ली की सरकार ने नई आबकारी नीति वापस लेने का ऐलान किया. इसके बाद सुरक्षा एजेंसियों की नजर भ्रष्टाचार पर गड़ गई थी.
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