'गंगापुत्र' जीडी अग्रवाल के निधन पर गुस्से में संत, हत्या का शक जताया, CBI जांच की मांग
प्रोफेसर जीडी अग्रवाल के गुरु अविमुक्तेश्वरानंद ने मौत की सीबीआई जांच की मांग की है. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने स्वामी सानंद के शव के पोस्टमार्टम के साथ साथ उनके पार्थिव शरीर को काशी हिंदू विश्वविद्यालय को भी सौंपने की मांग की है.
हरिद्वार: गंगा नदी के लिए 111 दिन से अनशन पर बैठे स्वामी सानंद की मौत पर विवाद शुरू हो गया. 'गंगापुत्र' जीडी अग्रवाल के निधन से संत समाज गुस्से में है. जिस मातृ सदन में स्वामी सानंद ने अनशन किया अब वो उनकी मौत को हत्या बता रहा है. एक केंद्रीय मंत्री पर हत्या का आरोप लग रहा है. प्रोफेसर जीडी अग्रवाल के गुरु अविमुक्तेश्वरानंद ने मौत की सीबीआई जांच की मांग की है.
उन्हें जबरन उठा कर ले गए, ये प्रत्यक्ष हत्या है: मातृ सदन संस्थापक मातृ सदन के संस्थापक स्वामी शिवानंद जी महाराज ने कहा, ''धारा 144 लगाकर जबरन उठा कर ले गए. हमने कहा कि स्टे लाने का समय दीजिए तो वो भी नहीं दिया. अब कह रहे हैं कि हार्ट अटैक से निधन हुआ, हार्ट अटैक यहां क्यों नहीं हुआ. वो यहां बिल्कुल ठीक गए हैं, उन्होंने विरोध भी किया.''
स्वामी शिवानंद जी महाराज ने कहा, ''पुलिस वाले उन्हें जबरदस्ती ले जा रहे थे और हमसे कह रहे थे कि आपसे सहयोग की उम्मीद है. डीएम, एसडीएस, सीओ सिटी, एम्स डायरेक्टर इनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए. हम जांच की मांग कर रहे हैं क्योंकि ये प्रत्यक्ष हत्या है.''
जीडी अग्रवाल के गुरू ने की सीबीआई जांच की मांग प्रोफेसर जीडी अग्रवाल के गुरु अविमुक्तेश्वरानंद ने मौत की सीबीआई जांच की मांग की है. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने स्वामी सानंद के शव के पोस्टमार्टम के साथ साथ उनके पार्थिव शरीर को काशी हिंदू विश्वविद्यालय को भी सौंपने की मांग की है.
धार 144 लगाकर मातृ सदन से उठाया था मातृ सदन में पिछले 22 जून से अनशन कर रहे स्वामी सानंद के बुधवार को जल त्यागने के बाद प्रशासन ने उन्हें ऋषिकेश एम्स में भर्ती कराया था. हरिद्वार जिला प्रशासन ने उनके आश्रम परिसर के चारों ओर धारा 144 लगाकर उन्हें कल जबरन उठा कर एम्स में भर्ती करा दिया था.
ठुकरा दिया था केंद्र सरकार का प्रस्ताव केंद्र सरकार की ओर से आश्वासन लेकर पहुंचे हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक के अनशन तोड़ने के अनुरोध को प्रोफेसर जीडी अग्रवाल ने ठुकरा दिया था. जीडी अग्रवाल ने नोटिफिकेशन जारी करने की मांग की थी.
प्रधानमंत्री मोदी और राहुल गांधी ने दुख जताया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वामी सानंद की मौत पर दुख जताया है. प्रधानमंत्री ने लिखा, ''जीडी अग्रवाल जी के निधन से दुखी हूं.शिक्षा, पर्यावरण की सुरक्षा, खासकर गंगा सफाई को लेकर उनके जज़्बे को याद किया जाएगा."
वहीं राहुल गांधी ने दुख जताते हुए कहा कि गंगा को बचाने के लिए स्वामी सानंद ने खुद को मिटा दिया. राहुल गांधी ने लिखा, ''मां गंगा के सच्चे बेटे प्रो. जीडी. अग्रवाल नहीं रहे. गंगा को बचाने के लिए उन्होंने स्वयं को मिटा दिया. हिंदुस्तान को गंगा जैसी नदियों ने बनाया है. गंगा को बचाना वास्तव में देश को बचाना है. हम उनको कभी नहीं भूलेंगे. हम उनकी लड़ाई को आगे ले जाएंगे.''
उत्तराखंड सरकार ने क्या कहा? प्रोफेसर जीडी अग्रवाल के निधन पर उत्तराखंड सरकार ने चार घंटे बाद बयान जारी किया. सरकार में मंत्री और प्रवक्ता मदन कौशिक ने कहा कि सरकार को स्वामी सानंद की मौत का बेहद दुख है और वह श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. केंद्र सरकार के मंत्री नितिन गडकरी उमा भारती और तमाम अधिकारी उनसे बार-बार आग्रह कर रहे थे कि वह इस तरह के अनशन ना करें लेकिन फिर भी उन्होंने अनशन जारी रखा. मदन कौशिक ने कहा है कि जिन मांगों को लेकर स्वामी सानंद उर्फ जीडी अग्रवाल अनशन पर बैठे हुए थे उनमें से कई मांगे केंद्र सरकार ने उनकी मांग ली थी.