100 रुपये लीटर दूध बेचने के खाप पंचायतों के फैसले से हटा संयुक्त किसान मोर्चा, कहा- इससे हमारा कोई लेना देना नहीं
दावा है कि आम लोगों को दूध पुरानी कीमत पर मिलेगी लेकिन सहकारी संस्थाओं से एक लीटर दूध के लिए 100 रुपए वसूले जाएंगे. इस एलान के कुछ ही घंटों बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने खुद को इस फैसले से अलग कर लिया. किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे मोर्चा ने साफ किया कि उनके नाम पर गलत संदेश वायरल किया जा रहा है, किसान इसे नजरअंदाज करें.
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नई दिल्ली: दूध की कीमत 100 रुपए लीटर करने के एलान पर संयुक्त किसान मोर्चा ने साफ किया है कि उसकी तरफ से ऐसा कोई एलान नहीं किया गया है. किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे मोर्चा ने साफ किया कि उनके नाम पर गलत संदेश वायरल किया जा रहा है, किसान इसे नजरअंदाज करें.
बता दें कि पहले हरियाणा के हिसार और फिर जींद में खापों और किसानों ने मिलकर दूध सौ रुपए प्रति लीटर बेचने का फैसला किया था. दावा है कि आम लोगों को दूध पुरानी कीमत पर मिलेगी लेकिन सहकारी संस्थाओं से एक लीटर दूध के लिए 100 रुपए वसूले जाएंगे. इस एलान के कुछ ही घंटों बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने खुद को इस फैसले से अलग कर लिया.
संयुक्ता किसान मोर्चा की तरफ से जारी बयान में कहा गया, ''संयुक्त किसान मोर्चा स्पष्ट करता है कि किसानों द्वारा 1-5 मार्च के बीच दूध की बिक्री के बहिष्कार और 6 तारीख से दूध की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर करने सम्बधी सयुंक्त किसान मोर्चे ने कोई आह्वान नहीं किया गया है. संयुक्त किसान मोर्चा के नाम से गलत तरीके से सोशल मीडिया पर एक संदेश वायरल हो रहा है और इस संदर्भ में स्पष्टीकरण दिया जा रहा है कि यह मैसेज गलत है. किसानों से अनुरोध है कि वे इस तरह के गलत संदेश को नजरअंदाज करें, जो उन्हें संयुक्त किसान मोर्चा के नाम से मिल रहा है.''
दरअसल सरकार पर तीनों किसान कानून रद्द करवाने का दबाव बनाने के लिए जींद में खापों और किसानों ने मिल कर दूध का MRP 100 रूपये निर्धारित किया है. किसानों ने कहा कि वे अब 100 रूपये से कम सरकार और सहकारी संस्थाओ को दूध नहीं बेचेंगे. फैसले के मुताबिक आम पब्लिक के लिए दूध का वहीं पुराना रेट होगा. खापों ने यह भी कहा कि अब MSP नहीं MRP पर बात होगी.
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