Farmers Protest: साथी की मौत पर किसान मनाएंगे 'ब्लैक डे,' पूरी दिल्ली में प्रदर्शन को लेकर ये है तैयारी
Farmers protest : फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य कानून समेत अन्य मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस से तकरार में किसान की मौत पर शुक्रवार को किसानों ने काला दिवस मनाने का ऐलान किया गया है.
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Farmers Protest In Delhi: संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने पंजाब-हरियाणा सीमा पर एक प्रदर्शनकारी किसान की मौत को लेकर गुरुवार (22 फरवरी) को प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है. साथ ही किसानों के संगठन ने अगले सप्ताह ट्रैक्टर मार्च निकालने की घोषणा की है. संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने यह भी घोषणा की है कि किसान की मौत को लेकर शुक्रवार (23 फरवरी) को ‘काला दिवस’ मनाया जाएगा. एसकेएम ने 2020-21 में केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व किया था, जिन्हें बाद में निरस्त कर दिया गया. उसने यह भी कहा कि किसान 26 फरवरी को राजमार्गों पर ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे और 14 मार्च को दिल्ली में महापंचायत करेंगे.
परिजनों के लिए एक करोड़ रुपये की राशि मांगी
एसकेएम नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि खनौरी सीमा पर एक किसान की मौत के सिलसिले में हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए और उसके परिवार को एक करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि दी जानी चाहिए. बता दें कि खनौरी बॉर्डर पर शुभकरण सिंह नाम के 23 साल के एक किसान की मौत हो गई. किसानों का कहना है कि उसके सिर पर आंसू गैस के गोले से चोट लगी थी, लेकिन डॉक्टरों ने कहा है कि मौत का असली कारण पोस्टमॉर्टम के बाद ही पता चल पाएगा. किसान को चोट लगने के बाद पटियाला के राजेंद्र अस्पताल ले जाया गया था, जहां उन्हें "ब्रॉट डेड" घोषित कर दिया गया.
किसान पर थी पूरे परिवार की जिम्मेदारी
किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने दावा किया कि तीन और किसान घायल हैं और कई नौजवान लापता हैं. उन्होंने अर्धसैनिक बलों पर पंजाब में घुसकर, एक बुजुर्ग के हाथ पांव तोड़ कर, उन्हें बोरे में डाल कर खेतों में फेंक देने का भी आरोप लगाया. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक शुभकरण सिंह बठिंडा के बल्लोह गांव में अपने दादा और दो बहनों के साथ रहता था. वह दो एकड़ जमीन का मालिक था और अपने चाचा के साथ मिल कर करीब 20 एकड़ जमीन ठेके पर लेकर उस पर खेती करता था. उस पर उसके पूरे परिवार की जिम्मेदारी थी.
पराली में मिर्च पाउडर डालकर पुलिस की तरफ फेंक रहे किसान?
वहीं हरियाणा पुलिस ने एक बयान में कहा कि खनौरी बॉर्डर पर "प्रदर्शनकारियों ने पराली में मिर्च पाउडर डालकर पुलिस का चारों तरफ से घेराव किया, पथराव के साथ लाठी, गंडासे इस्तेमाल करते हुए पुलिसकर्मियों पर हमला किया." इस बयान में यह भी कहा गया कि इस हमले में 12 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए.
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