कोलकाताः कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार, सारदा चिटफंड घोटाले की जांच के सिलसिले में शुक्रवार की सुबह भी सीबीआई के कार्यालय में नहीं पहुंचे. जिसके बाद एजेंसी ने कई जगहों पर उनकी तलाश की. इस बीच राजीव कुमार ने अलीपुर जिला एवं सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है जिस पर शनिवार को सुनवाई होने की संभावना है. एजेंसी के सूत्रों ने यहां कहा कि कई करोड़ रुपये के पोंजी घोटाले के सिलसिले में सीबीआई ने उन्हें अधिकारियों के समक्ष पेश होने के लिए समन किया था.


पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार पर आरोप है कि जांच एजेंसी की ओर से अंतिम आरोपपत्र तैयार करने के लिए आवश्यक कई साक्ष्यों को उन्होंने कथित तौर पर दबा दिया.


सूत्रों ने कहा कि सीबीआई की विशेष अपराध शाखा के अधिकारी, राजीव कुमार के पार्क स्ट्रीट स्थित सरकारी आवास पर पहुंचे जबकि एक अन्य टीम वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी का पता लगाने के लिए दक्षिण 24 परगना में एक रिसॉर्ट पर गई.


तीसरी बार समन भेजे जाने के बावजूद पेश नहीं हुए राजीव कुमार


सीबीआई के अधिकारी गुरुवार को भी कुमार का पता लगाने के लिए आईपीएस ऑफिसर्स मेस और एक पांच सितारा होटल गए थे. साल्ट लेक स्थित सीजीओ परिसर में एजेंसी के कार्यालय में कुमार शनिवार के बाद तीसरी बार समन भेजे जाने के बावजूद पेश नहीं हुए.


कलकत्ता हाई कोर्ट ने पिछले शुक्रवार को कुमार के खिलाफ सीबीआई कार्रवाई पर रोक हटा ली थी. जांच एजेंसी के एक पत्र के जवाब में राज्य के पुलिस महानिदेशक वीरेन्द्र कुमार ने कहा कि कुमार नौ सितम्बर से 25 सितम्बर 2019 तक छुट्टी पर हैं.


इस बीच राजीव कुमार ने शुक्रवार को अलीपुर जिला एवं सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका दायर की. महानगर की एक अदालत ने गुरुवार को कहा था कि सारदा चिटफंड घोटाला मामले में उन्हें गिरफ्तार करने के लिए सीबीआई को वारंट हासिल करने की जरूरत नहीं है.


अग्रिम जमानत याचिका पर शनिवार हो सकती है सुनवाई


राजीव कुमार के वकील गोपाल हालदर ने कहा कि याचिका पर शनिवार को अलीपुर जिला एवं सत्र न्यायालय में सुनवाई हो सकती है. सीबीआई ने गुरुवार को अलीपुर की अदालत में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) के समक्ष याचिका दायर कर कुमार के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने की मांग की थी.


अदालत ने यह कहते हुए सीबीआई की याचिका को खारिज कर दिया कि एजेंसी को गिरफ्तारी वारंट की जरूरत नहीं है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट और कलकत्ता हाई कोर्ट ने सारदा चिट फंड मामले में उनकी गिरफ्तारी से रोक हटा ली थी.


सुप्रीम कोर्ट की ओर से 2014 में सारदा घोटाला सहित अन्य चिटफंड मामले सीबीआई को सौंप देने से पहले कुमार इस घोटाले की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल का हिस्सा थे. सारदा समूह की कंपनियों ने लाखों लोगों से उनके निवेश पर आकर्षक रिटर्न का वादा कर करीब 2500 करोड़ रुपये ठगने का आरोप है.


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