'सरकार 22,900 करोड़ रुपये की 44 बंदरगाह परियोजनाओं पर करेगी काम' बोले केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल
Sarbananda Sonowal ने कहा कि निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ाने के लिए पोत, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय दो मोर्चों पर काम कर रहा है. मंत्रालय 2024-25 तक 44 परियोजनाओं पर काम करेगा,

Sarbananda Sonowal: केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने मंगलवार को कहा कि बंदरगाह अवसंरचना के लिए निजी-सार्वजनिक भागीदारी क्षेत्र में निवेश का एक महत्वपूर्ण स्रोत है और मंत्रालय 2024-25 तक 44 परियोजनाओं पर काम करेगा, जिनमें कुल 22,900 करोड़ रुपये का निवेश होगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार प्रमुख बंदरगाहों पर तनावग्रस्त सार्वजनिक-निजी भागीदारी से निपटने के लिए दिशा-निर्देशों पर काम कर रही है. इसके अलावा भारत में पोत निर्माण उद्योग को समर्थन देने के लिए नीतियां भी लाई गई है.
पीपीपी परियोजनाओं से निपटने के लिए काम
सर्बानंद सोनोवाल ने पीटीआई-भाषा से कहा, "निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ाने के लिए पोत, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय दो मोर्चों पर काम कर रहा है. परियोजना के मोर्चे पर मंत्रालय 2024-25 तक 44 परियोजनाओं पर काम करेगा, जिनमें कुल 22,900 करोड़ रुपये का निवेश होगा. इसके अलावा नीतिगत मोर्चे पर, मंत्रालय प्रमुख बंदरगाहों पर तनावग्रस्त पीपीपी परियोजनाओं से निपटने के लिए दिशा-निर्देशों पर काम कर रहा है."
मार्च 2023 तक कई परियोजनाएं होगी पूरी
सोनोवाल ने कहा कि मंत्रालय ने राष्ट्रीय मौद्रीकरण पाइपलाइन के तहत 12,222 करोड़ रुपये की 22 परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनमें से 5,278 करोड़ रुपये की सात परियोजनाएं पीपीपी के आधार पर आवंटित की गईं हैं. बाकी की परियोजनाएं बोली लगाने के विभिन्न चरणों में हैं. उन्होंने बताया कि पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत मंत्रालय ने 56,831 करोड़ रुपये की 101 परियेाजनाओं की पहचान की है, जिनका 2024 तक क्रियान्वयन होना है. उन्होंने कहा कि इनमें से 4,423 करोड़ रुपये की 13 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं जबकि 716 करोड़ रुपये की नौ परियोजनाएं मार्च 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है.
सोनोवाल के अनुसार, मंत्रालय कैप्टिव नीति और माइग्रेशन नीति पर भी काम कर रहा है, ताकि व्यापार करने में आसानी हो और बंदरगाह क्षेत्र में निजी क्षेत्र के निवेश के लिए अनुकूल माहौल दिया जा सके.
लोथल में नेशनल मैरिटाइम हैरिटेज कॉम्पलेक्स
उन्होंने कहा कि लोथल में नेशनल मैरिटाइम हैरिटेज कॉम्पलेक्स को भारत की समृद्ध और विविध समुद्री विरासत को प्रदर्शित करने के लिए अपनी तरह की एक परियोजना के रूप में विकसित किया जा रहा है. इसका काम अभी चल रहा है और ऐसी उम्मीद की जा रही है की 2023 के अंत तक इसका पहले चरण का काम पूरा हो जाना चाहिए.
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