दिल्ली के लिए अच्छी खबर, छतरपुर में शुरू हुआ 500 बेड वाला ITBP का कोविड केयर सेंटर
जानकारी के मुताबिक, राजधानी में कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली सरकार ने गृह मंत्रालय से डॉक्टर्स और पैरा-मेडिकल स्टाफ की मांग की थी. क्योंकि इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस यानि आईटीबीपी गृह मंत्रालय की कोरोना से लड़ने के लिए नोडल एजेंसी है इसलिए छतरपुर स्थित इस हॉस्पिटल को फिर से खोलने का फैसला लिया गया.
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के छतरपुर में आईटीबीपी का कोविड केयर सेंटर सोमवार सुबह 10 बजे से खुल गया है. खुलते ही हॉस्पिटल के बाहर एंबुलेंस और लोगों की भीड़ जमा हो गई है. पुलिस और प्रशासन लगातार लाउडस्पीकर पर घोषणा कर रहे हैं कि वॉक-इन मरीजों को दाखिला नहीं दिया जाएगा. ना ही यहां आईसीयू बेड हैं इसलिए गंभीर मरीज यहां ना आएं.
आईटीबीपी के इस हॉस्पिटल में फिलहाल 500 बेड्स है और सभी पर ऑक्सीजन की सुविधा मौजूद है, लेकिन आने वाले दिनों में इसकी क्षमता को बढ़ाए जाने की उम्मीद है. आईटीबीपी ने दिल्ली सरकार के साथ मिलकर प्रोटोकॉल तैयार किया है. इस प्रोटोकॉल के मुताबिक, दिल्ली के डिस्ट्रिक सर्विलांस ऑफिसर (डीएसओ) के रेफरेंस पर ही कोविड मरीज को दाखिला मिल पाएगा. आईटीबी के मुताबिक, किसी भी कोविड मरीज को वॉक-इन दाखिला नहीं दिया जाएगा.
आईटीबीपी के इस हॉस्पिटल का नाम भी सरदार पटेल कोविड केयर सेंटर है. ये छतरपुर के राधा स्वामी सतसंग व्यास के ग्राउंड में बनाया गया है. डीआरडीओ के हॉस्पिटल का नाम भी सरदार पटेल हॉस्पिटल है और वो एयरपोर्ट के करीब है.
जानकारी के मुताबिक, राजधानी में कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली सरकार ने गृह मंत्रालय से डॉक्टर्स और पैरा-मेडिकल स्टाफ की मांग की थी. क्योंकि इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस यानि आईटीबीपी गृह मंत्रालय की कोरोना से लड़ने के लिए नोडल एजेंसी है इसलिए छतरपुर स्थित इस हॉस्पिटल को फिर से खोलने का फैसला लिया गया.
रविवार को खुद आईटीबीपी के महानिदेशक एस एस देसवाल ने छतरपुर के राधस्वामी स्तसंग व्साय ग्राउंड में तैयार किए गए इस हॉस्पिटल की तैयारियों का जायजा लिया था. इस अस्पताल को आईटीबीपी ने दिल्ली सरकार के साथ मिलकर तैयार किया है. हॉस्पिटल में डॉक्टर्स और पैरा-मेडिकल स्टाफ आईटीबीपी का है जबकि बाकी इंफ्रास्ट्रक्चर और सहयोगी स्टाफ दिल्ली सरकार का है. हॉस्पिटल के बाहर दिल्ली पुलिस के सुरक्षा इंतजाम हैं.
आपको बता दें कि चीन सीमा पर तैनात आईटीबीपी ने पिछले साल यानि जुलाई 2020 में भी इस अस्पताल को शुरू किया था. लेकिन कोरोना के केस कम होने पर इसी साल फरवरी के महीने में इस फैसेलिटी को अस्थाई तौर से बंद कर दिया गया था. जुलाई 2020 से फरवरी 2021 तक यानि कुल आठ महीनों में इस हॉस्पिटल में 11 हजार से भी ज्यादा कोरोना पीड़ित मरीजों का इलाज किया गया था. इनमें विदेश से भारत आए कोविड मरीज भी शामिल थे.