पटना: बिहार में जेडीयू के निलंबित विधायक सरफराज आलम ने आज पार्टी और विधानसभा से इस्तीफा दे दिया और आरजेडी में शामिल हो गए. आलम ने ऐसा करके अररिया लोकसभा उपचुनाव लड़ने का स्पष्ट संकेत दे दिया जिसका प्रतिनिधित्व उनके पिता मोहम्मद तस्लीमुद्दीन करते थे. आलम ने विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद शनिवार को आरजेडी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से उनके आवास जाकर मुलाकात की. इसके बाद आरजेडी के कार्यालय में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी की उपस्थिति में दल की सदस्यता ग्रहण कर ली.
सरफराज आलम ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू पर बीजेपी से हाथ मिलाकर ‘धर्मनिरपेक्ष ताकतों को धोखा देने’ का आरोप लगाया. यह घटनाक्रम बिहार में विधानसभा की दो सीटों के साथ ही अररिया लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव घोषित होने के एक दिन बाद आया है. अररिया लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व दिवंगत मोहम्मद तसलीमुद्दीन करते थे और वह आरजेडी के सांसद थे.
तसलीमुद्दीन ने 2014 के लोकसभा चुनाव में दो लाख से अधिक वोट से सीट पर जीत दर्ज की थी. वहीं अलग अलग चुनाव लड़ने वाली बीजेपी और जेडीयू के उम्मीदवार क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे थे.
आरजेडी की सदस्यता ग्रहण करने के बाद आलम ने कहा, ‘‘मैं जेडीयू में इसलिए शामिल हुआ था क्योंकि वह उस समय महागठबंधन का हिस्सा थी जो धर्मनिरपेक्ष ताकतों का प्रतिनिधित्व करता था. पार्टी द्वारा धर्मनिरपेक्ष ताकतों को धोखा देने के बाद से ही मैं अपने मतदाताओं और अपनी मां की ओर से दबाव में था कि मैं अपनी पिता की पार्टी में शामिल हो जाऊं.’’
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें अररिया से आरजेडी टिकट का वादा किया गया है, उन्होंने कहा कि इस बारे में उनकी आरजेडी निर्णय लेगी. आलम अररिया में जोकिहाट से विधायक थे और उन्हें दो साल पहले इस शिकायत पर पार्टी से निलंबित कर दिया गया था कि उन्होंने ट्रेन में सफर के दौरान एक दम्पति से दुर्व्यवहार किया. तिवारी ने कहा, ‘‘घटनाक्रम बीजेपी के समक्ष नीतीश कुमार के आत्मसमर्पण से बढ़ते असंतोष का प्रतीक है.’’