हार्ट ऑफ एशिया: सरताज अजीज से मिले पीएम मोदी, बातचीत की उम्मीद कम
![हार्ट ऑफ एशिया: सरताज अजीज से मिले पीएम मोदी, बातचीत की उम्मीद कम Sartaj Aziz Exchanges Pleasantries With Narendra Modi Talks Uncertain हार्ट ऑफ एशिया: सरताज अजीज से मिले पीएम मोदी, बातचीत की उम्मीद कम](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2016/12/04080122/modi-aziz.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार रात पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ के विदेशी मामलों के मुख्य सलाहकार सरताज अजीज से मिले. दोनों नेताओं ने हाथ मिलाए, लेकिन अलग से कोई बातचीत नहीं हुई. अमृतसर में आज हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन को पीएम मोदी संबोधित करेंगे.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के सलाहकार सरताज अजीज शनिवार की शाम अपने तय कार्यक्रम से पहले ही अमृतसर पहुंचे. हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में शामिल होने आए सरताज अजीज पहले रविवार को आने वाले थे. शनिवार रात डिनर पर प्रधानमंत्री मोदी और सरताज अजीज ने हाथ मिलाए.
भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को देखते हुए पीएम मोदी और सरताज अजीज का हाथ मिलाना काफी अहम माना जा रहा है. भारत-पाकिस्तान में लंबे समय से रूकी बातचीत होगी या नहीं इस पर सबकी नजर है. हालांकि नगरोटा और उरी हमले को देखते हुए बातचीत की उम्मीद कम है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने पिछले दिनों कहा था कि हार्ट ऑफ एशिया कांफ्रेंस से अलग पाकिस्तान से बातचीत नहीं होगी.
अमृतसर में आज हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे. पीएम मोदी के साथ ही अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी भी इस सम्मेलन को संबोधित करेंगे. अफगानिस्तान के राष्ट्रपति शनिवार की शाम अमृतसर पहुंचे. पीएम मोदी हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में हिस्सा लेने अमृतसर पहुंचें.
अमृतसर पहुंचने के बाद पीएम नरेन्द्र मोदी ने पवित्र स्वर्ण मंदिर गुरुद्वारे में माथा टेका. मोदी ने गुरुद्वारे में लोगों को अपने हाथों से लंगर खिलाया. मोदी दो दिवसीय हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए अमृतसर आएं है. पीएम मोदी के साथ अफगानिस्तान का राष्ट्रपति अशरफ गनी ने भी गुरुद्वारे में दर्शन किए और प्रार्थना की.
क्या है हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन? हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन की शुरुआत साल 2011 में हुई थी. इस मंच को स्थापित करने का मकसद अफगानिस्तान और इसके पड़ोसियों के बीच सुरक्षा, राजनीति और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना है.
संयुक्त राष्ट्र, सार्क, ब्रिक्स, बिम्सटेक के बाद यह सम्मेलन बेहद अहम माना जा रहा है. माना जा रहा है कि भारत इस कॉन्फ्रेंस के ज़रिए एक बार फिर पाकिस्तान को सीमा पार आतंकवाद के लिए कड़ा जवाब दे सकता है.
भारत ने उरी में सैन्य ठिकाने पर हमले के बाद पाकिस्तान को कूटनीतिक रूप से अलग-थलग करने करने का आह्वान किया था और हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में उसी दिशा में अपना प्रयास जारी रख सकता है.
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