जयललिता की करीबी रहीं शशिकला चार साल बाद जेल से रिहा हुईं, AIADMK में वापसी की संभावना कम
शशिकला को तमिलनाडु की पूर्व सीएम जयललिता का सबसे करीबी माना जाता था. शशिकला पिछले चार साल से आय से अधिक संपत्ति के मामले में जेल में बंद थीं. जेल से रिहाई के बावजूद शशिकला की अब एआईएडीएमके में वापसी की संभावना नहीं के बराबर ही है.
चेन्नई: अन्नाद्रमुक से निष्कासित नेता वी के शशिकला को आय से अधिक संपत्ति के एक मामले में चार वर्ष की कैद की सजा पूरी करने के बाद बुधवार को जेल से रिहा कर दिया गया. इसके बाद तमिलनाडु और कर्नाटक में उनके समर्थकों ने जश्न मनाया. तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत जे जयललिता की करीबी रही 66 वर्षीय शशिकला कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद विक्टोरिया अस्पताल में भर्ती हैं और उन्हें कुछ और दिन अस्पताल में ही रहना होगा.
पारापन्ना अग्रहारा जेल के अधीक्षक वी शेषमूर्ति ने से कहा कि शशिकला को रिहा कर दिया गया है. उन्हें 15 फवरी 2017 को जेल में लाया गया था. शशिकला के समर्थकों ने उनकी रिहाई पर खुशी मनाई, मिठाइयां बांटी और पूजास्थलों पर प्रार्थना की. इस बीच ऐसी संभावना है कि वह अन्नाद्रुमक पर नियंत्रण हासिल कर सकती हैं, जहां से उन्हें अंतरिम महासचिव के पद से निष्कासित किया गया था.
उनके वकील राजा सेंतूर पांडियन ने पत्रकारों से कहा कि शशिकला ने उनसे तमिलनाडु के लोगों को यह बताने को कहा है कि वह उनसे जल्द मिलेंगी. उन्होंने बताया कि उन्हें रिहा किए जाने के बाद अस्पताल में लगाई गई सुरक्षा को वापस ले लिया गया है.
शशिकला की रिहाई पर खुशी जताते हुए एएमएमके पार्टी के महासचिव टीटीवी दिनाकरण ने कहा कि शशिकला को अस्पताल में अच्छा इलाज दिया गया है और डॉक्टरों की सलाह पर वह कुछ और दिन अस्पताल में रह सकती हैं.
एआईडीएमके में वापसी की गुजाइंश नहीं
उपमुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम और मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी की अगुवाई वाली सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक ने कई बार कहा है कि शशिकला को पार्टी में दोबारा शामिल करने की कोई गुंजाइश नहीं है.
वहीं अस्पताल के बाहर शशिकला के समर्थक एकत्र हो गए और उन्होंने अपनी नेता के पक्ष में नारेबाजी की. समर्थकों ने इस दौरान मिठाइयां भी बांटी. जेल अधिकारियों द्वारा रिहा किए जाने के बाद शशिकला के रिश्तेदार एवं निर्दलीय विधायक दिनाकरण अस्पताल पहुंचे.
शशिकला आय से अधिक 66 करोड़ रुपये की संपत्ति के मामले में फरवरी 2017 से यहां केन्द्रीय कारागार में बंद थीं. उनके साथ उनकी रिश्तेदार इलावरासी और दिवंगत जयललिता के दत्तक पुत्र वी एन सुधाकरण को भी सजा सुनाई गई थी.
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