नई दिल्ली: जयललिता के जाने के बाद अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि तमिलनाडु सरकार और AIADMK का क्या होगा. पन्नीरसेल्वम को सत्ता की कमान मिली है. लेकिन राजनीतिक जानकारों का कहना है कि पार्टी की कमान जयललिता का साया बनकर रहने वाली शशिकला ही संभाल सकती हैं. 59 साल की शशिकला नटराजन अम्मा की अंतिम विदाई तक हर पल उनके साथ रहीं.


जयललिता के अंतिम संस्कार की हर रस्म उनकी राजदार 36 साल पुरानी उनकी दोस्त...सबसे करीबी शशिकला ने निभाईं.

बताते हैं कि तमिलनाडु में सरकार जयललिता चलाती थीं लेकिन पर्दे के पीछे से शशिकला बड़ी भूमिका निभाती रहीं. शशिकला तब से सूत्रधार हैं जब 1991 में जयललिता पहली बार मुख्यमंत्री बनी थीं. उनके बारे में अब भी यही कहा जा रहा है कि सत्ता का चेहरा भले ही पनीरसेल्वम हों लेकिन चाभी शशिकला के पास ही रहेगी.

शशिकला बैकग्राउंड पॉलिटिक्स करेंगी और पनीरसेल्वम टॉप हेड होंगे. शशिकला जयललिता के समय से इस रोल में है. पार्टी और सरकार में कोई पद ना होने के बावजूद जयललिता से करीबी रिश्ते की वजह से उनकी शुरू से सत्ता पर मजबूत पकड़ रही है.

लेकिन शशिकला के लिए AIADMK में आगे का रास्ता आसान नहीं है. अब तक खुद जयललिता ढाल बनकर उनके साथ थीं लेकिन अब शशिकला अकेली हैं. उनका कोई राजनीतिक आधार भी नहीं है. भले ही शशिकला अंतिम वक्त में जयललिता के साथ रहीं लेकिन जयललिता के साथ भी उनके रिश्ते बनते बिगड़ते रहे थे. फिलहाल तो तमिलनाडु की सत्ता पन्नीरसेल्वम के हाथ में है और देखना होगा कि आने वाले दिनों में शशिकला का पार्टी में क्या रोल रहता है.