Kerala Satellite Survey: केरल में सत्तारूढ़ माकपा सरकार ने रविवार (18 दिसंबर) को कहा कि उनका इरादा आवासीय और कृषि क्षेत्रों को बफर जोन से बाहर रखने का था और चूंकि सैटेलाइट सर्वे में सब कुछ शामिल नहीं है इसलिए वह इसको अंतिम रिपोर्ट नहीं मान रहे हैं.


सीएम पिनाराई विजयन ने कन्नूर में आयोजित केरल राज्य महोत्सव के उद्घाटन के मौके पर कहा कि सरकार का सैटेलाइट सर्वे जल्दबाजी में किया गया है. उन्होंने  स्वीकार किया कि सैटेलाइट सर्वे में सब कुछ शामिल नहीं था और इसीलिए इसे अंतिम रिपोर्ट नहीं माना जा रहा है.


सीएम पिनराई विजयन ने कहा कि राज्य की अनूठी विशेषताओं का अध्ययन करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति नियुक्त की गई थी और यहां तक ​​कि स्थानीय निकायों को भी बफर जोन में वार्डवार जानकारी दर्ज करने का अवसर दिया गया था, ताकि सरकार एक दोषरहित रिपोर्ट के साथ सामने आ सके.


तोड़-मरोड़ कर पेश की जा रही है रिपोर्ट
केरल के सीएम पिनराई विजयन ने एक विशेष कार्यक्रम में कहा कि बफर जोन के संबंध में लोगों के बीच विभाजन या मतभेद पैदा करने के लिए कुछ लोग सरकार के ऐसे अच्छे इरादों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं.


राज्य सचिवालय द्वारा जारी एक बयान में इसी तरह के दृष्टिकोण का संकेत दिया गया था. इसमें दावा किया गया कि बफर जोन और सरकार के प्रयासों को लेकर कुछ लोगों द्वारा फैलाए जा रहे झूठे प्रचार को जनता द्वारा खारिज किया जाना चाहिए.


चिंता करने की नहीं है जरूरत
माकपा ने अपनी सरकार का बचाव करते हुए स्पष्ट किया कि जब फील्ड सर्वे किया जाएगा, तो सैटेलाइट सर्वे में छोड़ी गई सभी जगहों को शामिल कर लिया जाएगा और प्रभावित लोगों को अपनी आपत्तियां रखने का भी समय दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस सर्वे की वजह से राज्य के लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है.


राज्य के सीएम और माकपा के बयान पर कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी यूडीएफ के आरोपों के मद्देनजर आए हैं. यूडीएफ ने आरोप लगाया था कि सत्तारूढ़ वाम मोर्चा ने सर्वेक्षण करने में देरी की जिसे बाद में सैटेलाइट सर्वे का उपयोग करके 'जल्दबाजी' में किया गया लेकिन वह भी 'अपूर्ण और गलत' साबित हुआ.


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