नई दिल्ली: सीबीआई में नंबर 1 डायरेक्टर आलोक वर्मा और नंबर 2 राकेश अस्थाना का झगड़ा सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है. ये झगड़ा पहुंचा जिसके कारण वो भी मुश्किल में फंस सकता है. दुबई के बिजनेसमैन सतीश सना के पीछे सीबीआई भी है और सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है.
सतीश सना नाम के जिस व्यक्ति ने राकेश अस्थाना पर 3 करोड़ घूस के आरोप लगाए हैं सीबीआई उसका लाई डिटेक्टर टेस्ट करा सकती है. सीबीआई ने सतीश सना को समन जारी किया है.
राकेश अस्थाना के खिलाफ शिकायतकर्ता सना सतीश बाबू से पूछताछ का CBI का समन रद्द करने से सुप्रीम कोर्ट ने मना किया. रिटायर्ड जस्टिस ए के पटनायक की मौजूदगी में पूछताछ की भी मांग ठुकराई. सतीश सना ने अपनी जान को खतरा बताया था, इस पर कोर्ट ने कहा है कि अगर जान को खतरा है तो हैदराबाद पुलिस सुरक्षा दोगी.
सीबीआई में क्या विवाद है?
सीबीआई के वर्तमान स्पेशल निदेशक राकेश अस्थाना समेत चार लोगों के खिलाफ खुद सीबीआई ने रिश्वत लेने का मुकदमा दर्ज कर लिया. सीबीआई ने इस मामले मे अपने ही डीएसपी देवेंद्र कुमार पर छापा मार कर आठ मोबाइल फोन बरामद किए. डीएसपी देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया गया, फिलहाल वो रिमांड पर है.
सीबीआई ने इस मामले में जो एफआईआर दर्ज की है उसमें स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना जो सीबीआई के नंबर दो अधिकारी हैं. इन पर मशहूर मीट कारोबारी मोइन कुरैशी के मामले में सतीश साना नाम के एक शख्स से दो करोड रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया है. सीबीआई ने अपनी एफआईआर में यह भी कहा कि इस रिश्वत कांड के तार दिल्ली से लेकर दुबई तक जुड़े हुए है.
सूत्रों के मुताबिक सीबीआई के विशेष निदेशक ने भी इस एफआईआऱ पर पलटवार किया और कहा कि उनके खिलाफ ये मुकदमा सोची समझी साजिश के तहत दर्ज किया गया है क्योंकि वो खुद निदेशक आलोक वर्मा के भ्रष्टाचार के आरोपों की फेहरिस्त प्रधानमंत्री कार्यालय औऱ केन्द्रीय सर्तकता आय़ुक्त को अगस्त माह में ही दे चुके है. यह भी आरोप लगाया गया कि दो करोड रुपये की रिश्वत उन्होने नहीं सीबीआई निदेशक ने ली है.