सतलज यमुना लिंक पर पंजाब-हरियाणा के बीच केंद्र ने की मध्यस्थता, पानी बंटवारे को लेकर इन मुद्दों पर बनी बात
SYL Canal Link: हरियाणा जहां सतलज यमुना लिंक से पानी लेना चाह रहा है तो वहीं पंजाब का कहना है कि उसके पास देने के लिए ज्यादा पानी है ही नहीं, इस फैसले की समीक्षा की जानी चाहिए.
Satlaj Yamuna Link: सतलुज यमुना संपर्क (एसवाईएल) नहर मुद्दे पर चर्चा को लेकर केंद्र सरकार की मध्यस्थता में एक अहम बैठक हुई. इस बैठक के दौरान पंजाब सीएम भगवंत मान ने राज्य के पुराने रुख को दोहराया. उन्होंने कहा, उनके पास साझा करने के लिए अतिरिक्त जल नहीं है.
इस बैठक में दोनों राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया जबकि एसवाईएल मुद्दे पर बीते एक साल के दौरान दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच यह तीसरी बैठक है. वहीं मौजूदा वर्ष के दौरान शेखावत दूसरी बार दोनों मुख्यमंत्रियों की मौजूदगी वाली इस बैठक की अध्यक्षता की.
क्या बोली हरियाणा सरकार?
हरियाणा सरकार ने बैठक से पहले कहा था कि वह उम्मीद करते हैं कि पंजाब सरकार उनको ज्यादा पानी देगी. इसी सिलसिले में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हाल ही में अपने पंजाब के समकक्ष भगवंत मान को एक पत्र लिखा था और एसवाईएल नहर के निर्माण से संबंधित किसी भी बाधा या मुद्दे को हल करने के लिए एक बैठक आयोजित करने की इच्छा व्यक्त की थी.
क्या बोली पंजाब सरकार?
एसवाईएल मुद्दे का संदर्भ में पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा, ''उच्चतम न्यायालय में मामले पर सुनवाई चल रही है और अदालत ने दोनों राज्यों को बैठक करने का निर्देश दिया था.'' उन्होंने कहा, ''पंजाब की ओर से मैंने अपना पक्ष रखा. मैंने वहीं रुख बरकरार रखा है, जो पहले इस मुद्दे पर था. हमारे पास पानी ही नहीं है को हम नहर कैसे बना सकते हैं? ''
'सतलज बन गई है नाला'
उन्होंने कहा कि 25 वर्षों के बाद दुनिया भर में नदी तट कानूनों की समीक्षा की गई लेकिन हमारे समझौते की कभी समीक्षा नहीं की गई. मान ने कहा, ''हमने वाईएसएल फार्मूला दिया था.'' उन्होंने कहा, ''हरियाणा पंजाब का छोटा भाई है, उन्हें भी पानी की जरूरत है लेकिन पानी प्राप्त करने के लिए उनके पास यमुना-शारदा संपर्क जैसे अन्य तरीके भी हैं.''