Satyapal Malik On Haryana Election: हाल ही में महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा चुनाव हुए हैं, जहां पर भाजपा ने बंपर जीत हासिल की तो वहीं कांग्रेस को निराशा हाथ लगी, लेकिन कांग्रेस की हार को लेकर जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने हरियाणा में कांग्रेस की हार की वजह बताई है. उनका कहना है कि कोई नहीं कह सकता था कि ऐसे नतीजे होंगे. लग रहा था कि 60 सीटें कांग्रेस जीतेगी तो 20 भाजपा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोग मेहनत और काम नहीं करना चाहते, लेकिन ये नतीजे नहीं होने थे. वह बोले कि हरियाणा चुनाव के समय कांग्रेस लीडरशिप उन्हें बुला लेती तो कुछ सीटों पर नैया पार लग जाती. कांग्रेस को बहुत ओवर कॉन्फिडेंस था.
हरियाणा तक की रिपोर्ट के मुताबिक, सत्यपाल मलिक से जब ये पूछा गया कि क्या हरियाणा चुनाव में उनकी किसी नेता से बात हुई? इसके जवाब में उन्होंने कहा, “मैंने भूपेंद्र हुड्डा से कहा भी था कि मेरा संपर्क है, चौधरी चरण सिंह के जमाने से, मैं सेवा में हूं, लेकिन मुझे किसी ने बुलाया नहीं. दो जगह मैं खुद गया था, एक बारा और दूसरी चरखी दादरी. दोनों ही जगहों पर अच्छा चुनाव रहा. एक जगह 1800 वोटों से हारे और दूसरी जगह 5 हजार वोटों से हारे. विपक्षी चाहते तो कमाल हो सकता था, जैसे गोहाना में मैं चला जाता तो 100 फीसदी वो सीट नहीं हारते.”
24 घंटे राजनीति करती है भाजपा
हरियाणा में कांग्रेस की हार को लेकर सत्यपाल मलिक ने कहा कि पार्टी लोगों के बीच एक होकर नहीं गई. टिकट बंटवारे में भी गड़बड़ी हुई. वह बोले, “मैं नाम नहीं लेना चाहूंगा, लेकिन कुछ नेता ये मान चुके थे कि हम मुख्यमंत्री हो गए. अब कुछ करने की जरूरत नहीं है. भाजपा वो पार्टी है, जो 24 घंटे राजनीति करती है. भाजपा के 100 तरह के अनुषांगिक संगठन है, लेकिन कांग्रेसी बहुत आराम तलब पार्टी है, वो लोग ज्यादा काम नहीं करते. कांग्रेस को बहुत ओवर कॉन्फिडेंस तो था.”
सत्यपाल मलिक ने कहा, “कांग्रेस के ग्राउंड पर बहुत समर्थन था. मैंने खुद बाडना और दादरी में मीटिंग की, लेकिन नतीजा ये हुआ कि बाडना और दादरी दोनों हार गई कांग्रेस.”
पर्ची से होने चाहिए चुनाव
वहीं भाजपा की जीत को लेकर सत्यपाल मलिक से सवाल किया गया तो उन्होंने जवाब दिया, “ये तो एक्सप्लेन नहीं किया जा सकता है कि भाजपा क्यों जीती. भाजपा ने कोई चमत्कार नहीं किया, न कोई मेहनत की. वो तो बैठे बिठाए जीत गए, इसमें कोई रहस्य है.” वहीं ईवीएम को लेकर उन्होंने कहा, “मैं भी कह रहा हूं कि जब तक यह ईवीएम रहेगी, कोई फेयर इलेक्शन नहीं हो सकते. जापान ने भी ईवीएम इस साल हटा दिया है. पर्ची से चुनाव होने चाहिए."
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