प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (11 सितंबर) को सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुलअजीज अल-सऊद से कई मुद्दों पर व्यापक बातचीत की. इस दौरान द्विपक्षीय व्यापार और रक्षा संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया. दोनों नेताओं ने इंडिया सऊदी अरब स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप काउंसिल की पहली बैठक के कार्यवृत पर हस्ताक्षर किए. द्विपक्षीय बैठक मे कई एमओयू भी साइन किए गए. जी20 शिखर सम्मेलन की समाप्ति के बाद मोहम्मद बिन सलमान इस समय भारत की राजकीय यात्रा पर हैं.
हैदराबाद हाउस में पीएम मोदी के साथ बैठक से पहले सऊदी अरब के युवराज का राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में औपचारिक स्वागत किया गया. औपचारिक स्वागत के बाद बिन सलमान ने संवाददाताओं से कहा, 'मैं भारत आकर बहुत खुश हूं. मैं जी20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत को बधाई देना चाहता हूं.' उन्होंने कहा कि शिखर सम्मेलन में की गई घोषणाओं से दुनिया को फायदा होगा. युवराज ने कहा कि दोनों देशों के उज्जवल भविष्य के निर्माण के लिए साथ मिलकर काम किया जाएगा.
इन मुद्दों पर हुई चर्चा
द्विपक्षीय बैठक के दौरान राजनीतिक, सुरक्षा, सामाजिक और सांस्कृतिक सहयोग जैसे जरूरी विषयों पर चर्चा हुई. द्विपक्षीय वार्ता के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पहले के मुकाबले सऊदी अरब और भारत के संबंध और बेहतर होंगे. बैठक के बाद ज्वॉइंट प्रेस ब्रीफिंग में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'दुनिया की तेजी से बढ़ती और दो बड़ी अर्थव्यवस्थाएं होने के नाते शांति के लिए हमारा आपसी समन्वय और पूरे क्षेत्र में स्थिरता जरूरी है. हमने बातचीत में हमारी साझेदारी को आगे ले जाने के लिए कई पहलों की पहचान की है. आज की बातचीत नई ऊर्जा और हमारे रिश्तों को नई दिशा प्रदान करेगी. ये हमें मानवजाति के कल्याण के लिए साथ काम करने के लिए प्रेरित करेगी.'
इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप कॉरिडोर पर भी की बात
भारत, पश्चिम एशिया और यूरोप के बीच इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप कनेक्टिविटी कॉरिडोर ऐतिहासिक इकोनॉमिक कॉरिडोर को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'कल, हमने ऐतिहासिक एकोनॉमिक कॉरिडोर शुरू करने का फैसला किया है. यह कॉरिडोर न सिर्फ दो देशों को जोड़ेगा, बल्कि एशिया, पश्चिम एशिया और यूरोप के बीच आर्थिक विकास और डिजिटल कनेक्टिविटी प्रदान करने में भी मदद करेगी. आपके नेतृत्व और विजन 2030 से सऊदी में अद्भुत आर्थिक विकास दिखता है.' सऊदी अरब पश्चिम एशिया में भारत के प्रमुख रणनीतिक साझेदारों में से एक है. पिछले कुछ सालों में दोनों देशों के बीच समग्र संबंधों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है. दोनों पक्ष अपनी सुरक्षा साझेदारी को मजबूत करने पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.