अस्पताल में यौन उत्पीड़न मामले में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मुख्य सचिव पर लगाए लापरवाही के आरोप, CS का मिला ये जवाब
बुराड़ी अस्पताल में संविदा महिला कर्मचारियों के साथ यौन उत्पीड़न मामले की जांच को लेकर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज और चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार के बीच टकराव पैदा हो गया है.
Saurabh Bharadwaj Vs Chief Secretary Dispute: दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार और मुख्य सचिव के बीच एक बार फिर टकराव पैदा हो गया है. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bharadwaj) ने उत्तरी दिल्ली में बुराड़ी के एक अस्पताल में महिला संविदा कर्मचारियों के साथ छेड़छाड़ और उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए एक जांच समिति गठित करने का निर्देश मुख्य सचिव को दिया था. मंत्री ने आरोप लगाया कि इस मामले पर सीएस नरेश कुमार (Chief Secretary Naresh Kumar) की तरफ से उस अर्जेंट नोट का जवाब नहीं दिया गया है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मंत्री के आरोपों से इतर, चीफ सेक्रेटरी ऑफिस का दावा है कि मामले में कार्रवाई रिपोर्ट सौंप दी गई है. रविवार (24 दिसंबर) को मंत्री भारद्वाज ने सीएस कुमार को आरोपों की जांच के लिए कमेटी गठित करने का निर्देश दिया था. मंत्री ने नोट मिलने के 6 घंटे के भीतर मुख्य सचिव से एक्शन टेकन रिपोर्ट तलब की थी.
पुलिस के मुताबिक, बुराड़ी सरकारी अस्पताल में कॉन्ट्रेक्ट आधार पर सफाई कर्मचारी के रूप में काम करने वाली एक महिला ने अपने प्रबंधक और 3 सुपरवाइजरों पर उसके और 2 अन्य कर्मचारियों से छेड़छाड़ करने और उनका उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है.
पुलिस ने मामला दर्ज कर शुरू की जांच
दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि महिला की शिकायत के आधार पर उसके प्रबंधक और अस्पताल में मल्टी टास्किंग कार्यों के लिए कर्मचारी उपलब्ध कराने वाली कंपनी के 3 पर्यवेक्षकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और उन्हें जांच में शामिल होने के लिए कहा गया है.
'बुराड़ी अस्पताल की रिपोर्ट बेहद चौंकाने वाली'
मंत्री भारद्वाज ने सोमवार (25 दिसंबर) को एक बयान में कहा कि बुराड़ी अस्पताल से जो रिपोर्ट आई वह बेहद ही चौंकाने वाली थी. इसके लिए सरकारी मशीनरी की ओर से तत्काल कार्रवाई करने की जरूरत थी. उन्होंने यह भी कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि इतने संवेदनशील आरोपों के मामले में भेजे गए अति आवश्यक नोट पर भी मुख्य सचिव ने जवाब देने से इनकार कर दिया.
'कल्पना करें चुनी हुई सरकार कैसे काम कर रही'
उन्होंने आगे कहा, ''कोई कल्पना कर सकता है कि चुनी हुई सरकार कैसे काम करती है... जब मुख्य सचिव तत्काल कार्रवाई नहीं करते हैं तो महिलाओं की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाएगी? यह तब है जब इस विशेष घटना पर बीजेपी की दिल्ली इकाई ने इतना हंगामा मचाया है. क्या अब बीजेपी मुख्य सचिव के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेगी?''
इस मामले में दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि रविवार (24 दिसंबर) को डाक राइडर को तत्काल नोट ( Urgent Note) के साथ मुख्य सचिव नरेश कुमार के आवास पर भेजा गया था. हालांकि, नरेश कुमार के आवास पर कर्मचारियों ने यह कहते हुए अर्जेंट नोट स्वीकार नहीं किया कि उन्हें कोई भी नोट स्वीकार नहीं करने का निर्देश है. उसके बाद, नोट को ई-मेल आईडी के जरिये चीफ सेक्रेटरी को भेजा गया और सोमवार (25 दिसंबर) सुबह मुख्य सचिव नरेश कुमार के आवास पर भी नोट को फिजिकल रूप से पहुंचाया गया.
'दिल्ली सरकार का अधिकारियों पर कोई नियंत्रण नहीं'
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से जीएनसीटीडी (GNCTD) एक्ट में हालिया संशोधन के बाद निर्वाचित दिल्ली सरकार का अधिकारियों पर कोई नियंत्रण नहीं रह गया है. अधिकारी सिर्फ उप-राज्यपाल (LG) के प्रति जवाबदेह हैं. जब भी कोई अप्रिय घटना होती है तो चुनी हुई सरकार से सवाल पूछे जाते हैं, हालांकि अधिकारी पर पूरा नियंत्रण एलजी का होता है.
चीफ सेक्रेटरी के दफ्तर से सामने आया ये जवाब
दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी ने बुराड़ी अस्पताल में कथित यौन उत्पीड़न की घटनाओं के संबंध में स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज से प्राप्त नोट पर एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश की है. चीफ सेक्रेटरी के मुताबिक, रविवार (24 दिसंबर) को स्वास्थ्य मंत्री की तरफ से उठाए गए हर मुद्दे का जवाब इस रिपोर्ट में दिया गया है.
चीफ सेक्रेटरी ने आम आदमी पार्टी के सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर मंत्री के नोट को 6 घंटे की समय सीमा के साथ पोस्ट किए जाने पर आश्चर्य व्यक्त किया गया. इसको AAP हैंडल पर शेयर करने के ठीक 6 घंटे बाद ईमेल पर भेजा गया. चीफ सेक्रेटरी ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री की ओर से भेजा गया नोट 25 दिसंबर को सुबह 10:10 बजे सीएस को फिजकली रिसीव हुआ है.
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