SC के फैसले के बाद भी केजरीवाल सरकार और अधिकारियों के बीच ठनी, जिस सचिव को हटाया उसने फोन भी कर लिया बंद
Saurabh Bhardwaj On Transfer Posting: सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद केजरीवाल सरकार और अधिकारियों के बीच ठनी हुई है. मंत्री का आरोप है कि सचिव को हटाने पर उसने चुपचाप सचिवालय छोड़कर फोन बंद कर लिया.
![SC के फैसले के बाद भी केजरीवाल सरकार और अधिकारियों के बीच ठनी, जिस सचिव को हटाया उसने फोन भी कर लिया बंद Saurabh Bhardwaj minister of service department said Ashish More quietly left the Secretariat and switched off his phone ann SC के फैसले के बाद भी केजरीवाल सरकार और अधिकारियों के बीच ठनी, जिस सचिव को हटाया उसने फोन भी कर लिया बंद](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/05/12/e100598aed611c1d46c51ba35eb649d21683913630593503_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Saurabh Bhardwaj On Transfer Posting: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ट्रांसफर पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार को मिलने के बावजूद सर्विसेस विभाग के सचिव को हटाने को लेकर विवाद हो गया है. दिल्ली सरकार के सर्विस विभाग के मंत्री सौरभ भारद्वाज के दफ्तर से एक अहम बयान सामने आया है. इस बयान में कहा गया कि मंत्री सौरभ भारद्वाज के आदेश का पालन करने के बजाय सर्विसेस विभाग के सचिव आशीष मोरे ने चुपचाप सचिवालय छोड़ दिया और अपना फोन भी बंद कर लिया.
दरअसल सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ के फैसले के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में प्रशासनिक फेरबदल की घोषणा की है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 11 मई को प्रमुख योजनाओं को तेजी से पूरा करने के लिए सक्षम और ईमानदार अधिकारियों की नियुक्ति की आवश्यकता पर बल दिया. साथ ही उन अधिकारियों को हटाने की बात कही, जो योजनाओं की प्रगति को बाधित कर रहे हैं.
बड़े पैमाने पर फेरबदल की पहल
सर्विसेस विभाग के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बड़े पैमाने पर प्रशासनिक फेरबदल की पहल की. इसके साथ ही सर्विसेस सचिव आशीष मोरे को सेवा विभाग के सचिव के पद पर नये अधिकारी के तबादले की फाइल पेश करने के निर्देश दिए. लेकिन आशीष मोरे ने अप्रत्याशित रूप से मंत्री कार्यालय को सूचित किए बिना सचिवालय छोड़ दिया और उनका फोन भी स्विच ऑफ है.
इस पर सर्विसेस विभाग के मंत्री ने कहा कि संभवत: केंद्र सरकार के प्रभाव में सेवा विभाग के विशेष सचिव ने एक पत्र भेजा है. इसमें गृह मंत्रालय (MHA) की 21 मई 2015 की अधिसूचना का हवाला देकर बताया है गया है कि अभी तक उसको बदला नहीं गया है. इसके साथ ही सेवा सचिव ने नए अधिकारी को लाने के लिए फाइल भी शुरू नहीं की है.
इसके बाद सर्विसेस विभाग की तरफ से सेवा सचिव के ध्यान में लाया गया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं करने पर इसे संभावित रूप से अदालत की अवमानना माना जाएगा. विभाग के मंत्री ने कहा यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र सरकार और उप राज्यपाल देश की सर्वोच्च अदालत के निर्देशों का पालन करने को तैयार नहीं दिख रहे हैं. दिल्ली सरकार पारदर्शिता, दक्षता और सुशासन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग है. यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी.
ये भी पढ़ें: 'भरोसे को भारी नुकसान पहुंचता है जब...', ढाका में हिंद महासागर सम्मेलन में विदेश मंत्री ने चीन को बनाया निशाना
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)